चित्तौड़गढ़

Rajasthan: आपकी पेंशन पर ठगों की नजर! जीवन प्रमाण पत्र अपडेट के बहाने साइबर फ्रॉड, रहें अलर्ट

राजस्थान में साइबर अपराधी ठगी के लिए रोजाना नए तरीके अपना रहे हैं। अपराधी अब पेंशनधारकों से जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करने के नाम पर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।

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पेंशनर्स से साइबर फ्रॉड, पत्रिका फोटो

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में साइबर अपराधी ठगी के लिए रोजाना नए नए तरीके अपना रहे हैं। अपराधी अब पेंशनधारकों से जीवन प्रमाण-पत्र अपडेट करने के नाम पर साइबर ठगी को अंजाम देने में जुटे हैं। पुलिस मुख्यालय स्थित राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने और आमजन में जागरूकता लाने के उद्देश्य से यह एडवाइजरी जारी की है। यह सलाह पेंशन धारकों को संभावित साइबर अपराध से सचेत करने के लिए दी गई हैं। क्योंकि इन दिनों साइबर अपराधियों की ओर से पेंशन निदेशालय से जुड़े जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने के बहाने नई तरह की धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।

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ओटीपी और रिमोट एक्सेस साझा न करें

चित्तौड़गढ़ जिले में उप महानिरीक्षक पुलिस साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि जालसाज स्वयं को पेंशन कार्यालय या संबंधित विभाग का कर्मचारी बताते हुए पेंशन धारकों को कॉल करते हैं। वह पहले पेंशन धारकों से उनकी नियुक्ति, सेवानिवृत्ति दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, मासिक पेंशन और नॉमिनी जैसी पूरी जानकारी हासिल कर लेते हैं। डेटा प्राप्त करने के बाद पेंशन धारकों को उनका जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने का झांसा देते हैं और उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को तुरंत साझा करने के लिए कहते हैं।

एक बार जब पेंशन धारक ओटीपी साझा कर देते हैं तो साइबर ठग उन्हें फर्जी लिंक या ऐप भेजकर उनके मोबाइल, लेपटॉप, कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं। रिमोट एक्सेस मिलते ही जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का सीधा एक्सेस मिल जाता है, जिसके बाद वे खाते में जमा समस्त राशि को तुरन्त दूसरे फर्जी बैंक खातों या वॉलेट में स्थानांतरित कर देते हैं।

नागरिकों के लिए सुरक्षा उपाय

पेंशन निदेशालय कभी भी किसी भी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है और न ही स्वयं ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करता है।
पेंशनर्स ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने की प्रक्रिया केवल अधिकृत ई-मित्र केंद्रों पर कराएं।
किसी भी अज्ञात कॉल करने वाले व्यक्ति को अपनी बैंक जानकारी, ओटीपी या पेंशन आईडी साझा न करें।
जीवन प्रमाण पत्र केवल अधिकृत वेबसाइट पर ही जमा करें और किसी भी अनजान लिंक या मोबाइल ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता का पूरी तरह सत्यापन करें।
किसी भी अनजान कॉल पर यदि दबाव बनाया जाए या डराया जाए तो तुरंत कॉल काट दें। किसी पेंशन धारक के साथ इस प्रकार की घटना होती है तो इसकी सूचना तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन, साइबर पुलिस स्टेशन, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, साइबर हेल्प लाइन नम्बर 1930 या साइबर हेल्प डेस्क नंबर 9256001930 व 9257510100 पर दें।

Updated on:
02 Nov 2025 02:13 pm
Published on:
02 Nov 2025 10:44 am
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