राजस्थान में गिवअप अभियान को खासी सफलता मिल रही है। अब तक करीब 27 लाख लोगों ने खाद्य सुरक्षा योजना में मिलने वाली खाद्य सब्सिडी स्वैच्छा से छोड़ दी है। प्रदेश में अंतिम पक्ति में खड़े लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित करने की राज्य सरकार की मंशा है।
Chittorgarh: राजस्थान में गिवअप अभियान को खासी सफलता मिल रही है। अब तक करीब 27 लाख लोगों ने खाद्य सुरक्षा योजना में मिलने वाली खाद्य सब्सिडी स्वैच्छा से छोड़ दी है। प्रदेश में अंतिम पक्ति में खड़े लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित करने की राज्य सरकार की मंशा है। ताकि वे समाज की मुख्याधारा से जुड़ सके। असल हकदारों को एनएफएसए में स्थान देने के लिए विभाग की ओर से गिव अप अभियान गत वर्ष 1 नवंबर को शुरू किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य सक्षम लोगों को स्वैच्छा से खाद्य सब्सिडी त्यागने के लिए प्रेरित करना है। ताकि गरीबों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल सके।
गिव अप अभियान की ऐतिहासिक सफलता के कारण पात्र वंचित खाद्य सुरक्षा से जुड़ पा रहे हैं। गिव अप अभियान के तहत स्वैच्छा से खाद्य सब्सिडी त्यागने एवं ईकेवाईसी न करवाने के कारण एपएफएसए में बनी रिक्तयों से 56 लाख 62 हजार 268 पात्र वंचितों को विभाग खाद्य सुरक्षा से जोड़ पाया है। सक्षम लोगों का त्याग गरीबों के मुंह का निवाला बन रहा है। अभियान के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सूची में नई रिक्तियां बनने से सूची में जुड़े पात्र परिवारों को न केवल पोषणयुक्त अन्न उपलब्ध कराया जा रहा है। बल्कि, उन्हें 25 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज, 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा एवं 450 रुपए में प्रतिवर्ष 12 घरेलू सिलेंडर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। गिव अप अभियान में व्यापक जनभागीदारी को देखते हुए इसकी अवधि 31 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी गई है।
खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत जुड़े ऐसे परिवार जिनमें कोई सदस्य आयकर दाता हो, कोई सदस्य सरकारी या अर्द्धसरकारी, स्वायतशासी संस्था में कर्मचारी हो, एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय हो एवं किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रैक्टर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोड़कर) निष्कासन सूची में शामिल है। गिव अप अभियान के तहत चित्तौडगढ़ जिले में 121474 लोगों ने स्वच्छा से खाद्य सब्सीडी छोड़ कर इस मुहिम में योगदान दिया है। इससे जिले के 1 लाख 23 हजार जरूरतमंद लोगों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ा जा सका है। जिला रसद अधिकारी हितेश जोशी ने बताया कि इस सफलता में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों का विशेष योगदान रहा है।