Madan Dilawar School Uniform Announcement: राजस्थान के लाखों अभिभावक शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की सभी सरकारी और निजी स्कूलों में समान यूनिफॉर्म का सिस्टम लागू करने की घोषणा को पचा नहीं पा रहे हैं। जानिए क्या है अभिभावकों की मांग।
Madan Dilawar School Uniform Announcement: चित्तौड़गढ़ जिले सहित राजस्थान के लाखों अभिभावक शिक्षा मंत्री की उस घोषणा को पचा नहीं पा रहे हैं, जिसमें शिक्षा मंत्री ने कहा था कि अगले सत्र से प्रदेश की सभी सरकारी और निजी स्कूलों में समान यूनिफॉर्म का सिस्टम लागू किया जाएगा।
वजह यह है कि इस सत्र में अभिभावकों ने बच्चों के लिए गर्मी और सर्दी की तीन-तीन यूनिफॉर्म खरीद ली हैं। अगले साल से नया सिस्टम शुरू होता है तो यह यूनिफॉर्म बेकार हो जाएगी और अभिभावकों को भारी आर्थिक बोझ पड़ जाएगा। अभिभावकों का कहना है कि यह नया सिस्टम वर्ष 2027 के सत्र से शुरू किया जाना चाहिए।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आगामी सत्र से सरकारी व निजी स्कूलों की यूनिफॉर्म समान करने की घोषणा की है। इस घोषणा ने निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों व अभिभावकों की चिन्ता बढ़ा दी है।
ज्यादातर निजी स्कूलों में दो से तीन यूनिफॉर्म का प्रचलन है और लाखों विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म इसी सत्र में खरीदी गई है। नए सत्र में फिर नई यूनिफॉर्म खरीदने की बाध्यता से जहां अभिभावकों का खर्च बढ़ जाएगा। वहीं, इस सत्र में खरीदी गई यूनिफॉर्म भी बेकार हो जाएगी।
निजी स्कूलों में अमूमन तीन तरह की यूनिफॉर्म का प्रचलन है। गर्मियों व सर्दियों के अलावा स्कूलों में स्पोर्ट्स की अलग यूनिफॉर्म चल रही है। इनमें से गर्मियों व स्पोर्ट्स की यूनिफॉर्म तो सत्र की शुरुआत में ही खरीद ली जाती है। लेकिन सर्दियों की यूनिफॉर्म की खरीद बहुत से अभिभावक अब करेंगे। ऐसे में चार महीने बाद ही यूनिफॉर्म बदलने से यह खर्च और यूनिफॉर्म काम नहीं आ पाएगी।
निजी स्कूलों की यूनिफॉर्म के लिए राजस्थान के लाखों अभिभावक इस सत्र में करोड़ों रुपए खर्च कर चुके हैं। क्योंकि निजी स्कूलों का यूनिफॉर्म का खर्च करीब तीन से सात हजार रुपए तक का होता है। कोट व ब्लेजर की वजह से कई स्कूलों की तो सर्दियों की यूनिफॉर्म और ज्यादा महंगी है।
यूनिफॉर्म में बदलाव का नुकसान निजी स्कूल संचालकों को भी होगा, क्योंकि बहुत से स्कूल यूनिफॉर्म पहले खुद खरीदकर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाते हैं। ऐसे में नए सत्र में यूनिफॉर्म बदलने से उनका स्टॉक भी अनुपयोगी हो जाएगा। इस समस्या को देखते हुए अभिभावकों व स्कूल संचालकों ने एक समान यूनिफॉर्म व्यवस्था को वर्ष 2027 के सत्र से लागू करने की मांग की है।