चूरू

Rajasthan New Rail Track: राजस्थान में यहां नई रेल लाइन बिछने से 20 लाख लोगों को मिलेगा फायदा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

Indian Railways: भारत विकास परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष शिवरतन सौनी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर श्री डूंगरगढ़ से सादुलपुर वाया सरदारशहर, तारानगर नई रेल लाइन डालने की मांग की है।

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Nov 19, 2025
Photo: AI generated

सरदारशहर। राजस्थान के चूरू जिले में नई रेल लाइन डालने की मांग उठने लगी है। भारत विकास परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष शिवरतन सौनी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर श्री डूंगरगढ़ से सादुलपुर वाया सरदारशहर, तारानगर नई रेल लाइन डालने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि सरदारशहर तहसील की आबादी 4 लाख से अधिक है तथा 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल में 105 साल पहले अंग्रेजों की ओर से डाली गई सरदारशहर से रतनगढ़ तक सिर्फ 40 किमी रेल लाइन है। इसके बाद एक इंच रेल लाइन का विस्तार नहीं हुआ।

श्री डूंगरगढ़ से सादुलपुर के बीच में 3 लाख की आबादी वाले तारानगर तहसील का तो कोई रेल कनेक्शन ही नहीं है। इस मार्ग पर कई बार सर्वे भी हो चुका है। उन्होंने लिखा कि डूंगरगढ़ से बीकानेर तक और सादुलपुर से दिल्ली तक पहले से रेल लाइन है। अत: श्री डूंगरगढ़ से सादुलपुर वाया सरदारशहर, तारानगर नई रेल लाइन डालने से चारों तहसीलों की करीब 20 लाख आबादी पूरे देश के रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगी।

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हैंडीक्राफ्ट में प्रथम स्थान

इस क्षेत्र के प्रवासी उद्योगपति और व्यापारी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में कारोबार करते हैं। वही यह पूरा क्षेत्र हैंडीक्राफ्ट का भारत का सबसे बड़ा हब है। पिछले वर्ष जर्मनी में विश्वस्तरीय हैंडीक्राफ्ट एक्जीबिशन में सरदारशहर के हैंडीक्राफ्ट उद्योगपति को विश्व स्तर पर प्रथम स्थान से सम्मानित किया गया। हैंडीक्राफ्ट के निर्यात में सरदारशहर का प्रथम स्थान है। इसके साथ गवार, गम के उत्पादन में सरदारशहर भारत में सर्वोपरि है। पूरे विश्व को ग्वार गम के निर्यात में भारत का पहला स्थान है।

सरदारशहर सोने के आभूषण, चांदी के बर्तन, जिप्सम, दुग्ध उत्पाद, भुजिया - पापड़, फीणी और अन्य अनेक उत्पादों का हब है जो निर्यात भी किए जाते हैं। सरदारशहर में डीम्ड यूनिवर्सिटी होने के कारण शिक्षा का भी बहुत बड़ा केंद्र है। यहां पूरे देश से विद्यार्थी पढऩे आते हैं। इस 40 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल के 30 लाख आबादी वाले रेगिस्तानी इलाके से दसियों हजार कामगार पूरे देश में ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों में मजदूरी के लिए जाते हैं। इन चारों तहसीलों में विश्व प्रसिद्ध इच्छापूर्ण बालाजी, तोलियासर भैरूंजी, पूनरासर बालाजी, पल्लू माताजी, फोगां (कोयलापट्टन) और ददरेवा गोगाजी, बायला जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं जहां लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं।

आते हैं लाखों श्रद्धालु

पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के लाखों तीर्थ यात्रियों में से 90 प्रतिशत तीर्थ यात्री जो सालासर बालाजी, देशनोक करणी माताजी, रुणीचा रामदेवजी और बिश्नोई समाज के एक मात्र तीर्थ स्थल मुकाम जांभोजी जाते हैं, वो सभी सादुलपुर, तारानगर, सरदारशहर और डूंगरगढ़ होते हुए ही जाते हैं क्योंकि यही सबसे छोटा रास्ता है। इस मार्ग पर रेल लाइन लाखों तीर्थ यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा।

उन्होंने लिखा कि सादुलपुर से डूंगरगढ़ वाया तारानगर, सरदारशहर रेल लाइन डालने पर न सिर्फ जैसलमेर यानी पाकिस्तान बोर्डर पर सेना और आयुध भेजने का बल्कि जैसलमेर, बीकानेर से दिल्ली होते हुए लंबी दूरी की गाडिय़ों के लिए भी सबसे छोटा और वैकल्पिक मार्ग होगा। इसके साथ सरदारशहर में चूरू जिले की सबसे बड़ी कृषि उपज मण्डी समिति है जहां पर बड़े स्तर पर कारोबार होता है। इस मांग को लेकर पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया जाएगा। क्षेत्र की जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए रेल का विस्तार किया जाए।

बढ़ जाएगी रोजगार की संभावना

उन्होंने लिखा कि जिप्सम जो कि खाद, सीमेंट, अमोनियम सल्फेट, प्लास्टर ऑफ पेरिस, टेक्सटाइल आदि बनाने में काम आता है, वह पूरे भारत का 90 प्रतिशत जिप्सम सिर्फ राजस्थान में पाया जाता है और राजस्थान में भी सिर्फ ऊपर वर्णित 40 हजार वर्ग किमी भू-भाग और उससे लगती भूपट्टी में करोड़ों टन की मात्रा में खनिज के रूप में पाया जाता है। इस नई रेल लाइन से कम लागत में जिप्सम आधारित उद्योग, उत्पादन और रोजगार की संभावना अत्यधिक बढ़ जाएगी।

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