क्रिकेट के नियम जब सन 1774 में बने थे तो कुछ नियम ऐसे भी थे जो जब से लेकर अब तक चल रहे है तथा कुछ नियमों में बदलाव किया गया। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही चार क्रिकेट नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आईसीसी ने बंद कर दिया है।
ICC Cricket Rules: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने क्रिकेट के कई नियमों में बदलाव किए हैं और कुछ को बंद भी कर दिया है। क्रिकेट के 100 साल से भी ज्यादा के इतिहास में चार ऐसे नियम भी थे, जिन्होंने आईसीसी की नाक में दम कर दिया था। इन नियमों को कुछ समय से बाद बंद कर दिया। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में -
बैटिंग पावरप्ले -
क्रिकेट में पावरप्ले अब भी होता है। समय के साथ - साथ पावरप्ले की अवधि में कई बदलाव किए गए हैं। लेकिन बीच में आईसीसी एक अजीबो- गरीब नियम लेकर आया था। जिसका फायदा बल्लेबाजों को जमकर होता था। बैटिंग पॉवरप्ले नाम का यह नियम 2015 में बंद कर दिया गया। इस नियम के तहत बैटिंग करने वाली टीम मैच के दौरान 40 ओवर से पहले कभी भी 5 ओवर का पावरप्ले ले सकती थी। जिससे उसे तेजी से रन बनाने में मदद मिलती थी। इस नियम से बैटिंग करने वाली टीम को फायदा मिलता था लेकिन आईसीसी ने अब इसे हटा दिया है।
सुपर सब -
फुटबॉल में इस्तेमाल किए जाने वाला यह नियम क्रिकेट में भी लाया गया था। यह नियम बहुत ही ज्यादा अनोखा था। इस नियम के अनुसार 12वें खिलाड़ी को खेलने अनुमति होती थी, जिसे आप मैच के दौरान कभी भी प्लेइंग इलेवन में दूसरे की जगह शामिल कर सकते थे। इस नियम को आईसीसी ने साल 2005 में खत्म कर दिया था। हालांकि इंपेक्ट प्लेयर के नाम से आईपीएल में इस नियम की वापसी हुई है।
रनर के इस्तेमाल पर रोक -
जब किसी भी बल्लेबाज को मैच के दौरान भागने में कठिनाई या परेशानी होती थी तो वह रनर का इस्तेमाल कर लेता था। लेकिन क्रिकेट के कई मौकों पर देखा गया कि इस नियम का गलत फायदा उठाया जा रहा है। इसलिए साल 2011 में रनर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। अब किसी खिलाड़ी को अगर भागने में कोई परेशानी होती है तो उसे रिटायर्ड हर्ट होना पड़ता है।
पिच से बाहर की गेंद होगी डेड बॉल -
बल्लेबाज़ अगर किसी भी गेंद को खेलने की कोशिश में पिच से बाहर निकल जाता है तो उस बॉल पर बल्लेबाज़ को कोई रन नहीं मिलेगा और उस गेंद को डेड बॉल करार दिया जाएगा। वहीं, कोई गेंदबाज़ अगर इस तरह की गेंद फेंकता है, जिसे खेलने के लिए बल्लेबाज़ को पिच के बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़े। उस गेंद को भी डेड बॉल करार दिया जाएगा। पहले के नियमों के मुताबिक, बल्लेबाज़ कहीं से भी गेंद खेल सकता था।