दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कोलकाता आने से रोके जाने और सोमवार को केकेआर बनाम गुजरात टाइटंस मैच में कमेंट्री नहीं करने को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि रोस्टर टर्नामेंट से पहले तय हो जाते हैं और वह केकेआर बनाम जीटी मैच में निजी कारणों के चलते नहीं गए थे।
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) की ओर से कोलकाता आने से रोके जाने की खबरों के एक दिन बाद प्रसिद्ध कमेंटेटर हर्षा भोगले ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। हर्षा ने साइमन डुल के साथ मिलकर 'होम एडवांटेज विवाद' में कोलकाता के पिच क्यूरेटर सुजान मुखर्जी की आलोचना की थी, लेकिन ये बात सीएबी को पसंद नहीं आई। सीएबी ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर दोनों कमेंटेटर को कोलकाता के मैचों में कमेंट्री की अनुमति नहीं देने का निर्देश मांगा। जिसके बाद ये मामले सोशल मीडिया पर छा गया और सोमवार को हर्षा कमेंट्री पैनल में भी नजर नहीं आए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भोगले ने दावा किया कि वह निजी कारणों से कोलकाता में केकेआर बनाम जीटी मुकाबले में शामिल नहीं हो पाए। भोगले ने एक्स पर लिखा कि कल कोलकाता में हुए मैच में मैं क्यों नहीं था? इस बारे में कुछ गलत निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं। सीधे शब्दों में कहें तो यह उन मैचों की सूची में ही नहीं था, जिनमें मुझे शामिल होना था। मुझसे पूछ लेते तो समस्या सुलझ जाती। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले रोस्टर तैयार हो जाते हैं। मुझे कोलकाता में दो मैचों के लिए रोस्टर में शामिल किया गया था। मैं पहले मैच में गया था और परिवार में बीमारी के कारण मैं दूसरे मैच में नहीं जा सका।
साइमन डुल ने क्रिकबज़ से बातचीत में कहा था कि अगर ग्राउंड की देखरेख करने वाला व्यक्ति अपनी टीम की आवश्यकताओं पर ही ध्यान नहीं देता है तो उस टीम को अपना मैदान बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा था कि क्यूरेटर का काम है पिच तैयार करने का होता है, न कि रणनीतिक सुझाव देने का। उन्हें वही करना चाहिए, जो टीम चाहती है।
वहीं, हर्षा भोगले ने अपनी राय देते हुए कहा था कि अजिंक्या रहाणे ने कोई अत्यधिक स्पिन अनुकूल पिच की डिमांड नहीं की थी। वह तो बस ऐसी सतह चाहते थे, जिस पर स्पिनरों की थोड़ी मदद कर सके। उन्होंने कहा था कि गौतम गंभीर की कप्तानी में केकेआर ने ईडन गार्डंस की स्पिन अनुकूल पिच पर ही दो खिताब जीते थे।
भोगले ने साथ ही ये भी कहा था कि अगर टीम अपने होम ग्राउंड पर खेल रही हैं तो उसे ऐसी पिच ही मिलनी चाहिए, जो उसके खिलाड़ियों की ताकत के अनुकूल हो। मैंने कोई लो-स्कोरिंग पिच की डिमांड नहीं की है, बल्कि ऐसा विकेट चाहता हूं, जिस पर घरेलू टीम को लाभ हो। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में होम एडवांटेज मिलना जरूरी है। इससे टूर्नामेंट रोमांचक बनता है।