Kuldeep Yadav on Guwahati Pitch: गुवाहाटी टेस्ट में कुलदीप यादव भारत के लिए सबसे ज्यादा चार विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस विकेट का पूरा रोड बताया है। बैटिंग के लिए बहुत बेहतर था, क्योंकि मुझे मुश्किल से कोई टर्न मिला।
Kuldeep Yadav on Guwahati Pitch: गुवाहाटी में हर घंटे सपाट होती पिच पर साउथ अफ्रीका ने भारत को पहले दो दिन में बैकफुट पर धकेल दिया है। पहले दिन 247 रन पर छह विकेट लेने के बाद भारतीय टीम मेहमान टीम को 300 रन के अंदर आउट करने की उम्मीद कर रही थी। लेकिन, साउथ अफ्रीका के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में 489 रन स्कोर बोर्ड पर लगा दिए। भारत के बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने बॉलिंग कंडीशन का आकलन करते हुए कहा कि गुवाहाटी का ट्रैक हमें याद दिलाता है कि कुछ टेस्ट मैचों में हावी होने के बजाय टिके रहने और ढलने की जरूरत होती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोलकाता का विकेट तो अलग था। जबकि यह तो पूरा रोड था। इसलिए, यह चुनौतीपूर्ण है और इसीलिए इसे टेस्ट विकेट कहा जाता है।
कुलदीप यादव ने गुवाहाटी के विकेट को लेकर कहा कि ये हमेशा दबदबे के बारे में नहीं होता, बल्कि यह भी बहुत जरूरी है कि आप अच्छी बैटिंग सरफेस पर कैसे वापसी करते हैं। यह गेंदबाजों के लिए एक मुश्किल विकेट था, क्योंकि मुझे नहीं लगा कि इस विकेट में ज्यादा मदद थी। मदद की कमी हर तरफ लागू हुई। यानसेन और मुथुसामी ने अपनी जरूरी पार्टनरशिप के दौरान फायदा उठाया। यहां तक कि भारत के पेसर भी मौके बनाने के लिए संघर्ष करते रहे, जब गेंद की चमक चली गई और पिच अपने असली स्वभाव में आ गई।
कुलदीप ने कहा कि तेज गेंदबाजों के लिए भी यह ज्यादा मदद वाली विकेट नहीं लगी, लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट है और आपको इसका मजा लेना चाहिए। ज्यादा सीखना चाहिए और जितना ज्यादा आप मैच्योर होंगे, आपको विकेट के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। आपको वहां जाकर खेलना चाहिए। अगले टेस्ट में इससे बेहतर विकेट हो सकता है, इसलिए कोई शिकायत नहीं है।
उन्होंने सेशन-दर-सेशन डिटेल देते हुए बताया कि दूसरे दिन के मुकाबले पहले दिन की शुरुआत में भारत ज्यादा खतरनाक क्यों लग रहा था? उन्होंने कहा कि पर्सनली, मुझे पहले दिन का पहला सेशन अच्छा लगा, विकेट में थोड़ी नमी थी। इसलिए मुझे पहले सेशन में थोड़ा टर्न मिला। उसके बाद बल्लेबाजी के लिए यह बहुत अच्छा था।
जब साउथ अफ्रीका का निचला क्रम जम गया, तब वह मदद भी खत्म हो चुकी थी। कुलदीप ने आखिर में कहा कि दोनों दिन कोई टर्न नहीं था। दूसरा दिन बैटिंग के लिए बहुत बेहतर था, क्योंकि मुझे मुश्किल से कोई टर्न मिला। मैं और जडेजा भी इस बारे में बात कर रहे हैं। भारत के लिए आगे का काम ठीक वही है, जिसका कुलदीप ने इशारा किया। सतह के नेचर पर ध्यान न देना, बल्कि एक ऐसे टेस्ट में वापसी का रास्ता खोजना, जो पहले ही उनके हाथ फिसलता हुआ नजर आ रहा है।