Handshake Controversy: गौतम गंभीर ने अपने बल्लेबाजों के उस फैसले का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने बेन स्टोक्स की ड्रॉ के लिए की गई पेशकश को ठुकरा दिया। हैंडशेक विवाद के बाद नासिर हुसैन ने स्टोक्स को नासमझ बताया है तो वहीं संजय मांजरेकर ने उन्हें बिगड़ैल बच्चा करार दिया है।
Handshake Controversy: मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी दिन रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर जब शतक के करीब थे और मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था। तब इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने रवींद्र जडेजा ड्रॉ की पेशकश करते हुए हाथ मिलाने को कहा था, लेकिन जडेजा ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद जैसे ही जडेजा का शतक पूरा हुआ तो हैरी ब्रूक ने शतक के करीब पहुंचे सुंदर से हाथ मिलाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया। इस तरह दोनों ने शतक पूरा करने के बाद मैच ड्रॉ करने का फैसला किया। हद तो तब हो गई जब मैच ड्रॉ होने से खिसियाए स्टोक्स ने जडेजा और सुंदर से हाथ नहीं मिलाया। इसी हैंडशेक विवाद को लेकर नासिर हुसैन ने स्टोक्स को नासमझ बताया है तो वहीं संजय मांजरेकर ने उन्हें बिगड़ैल बच्चा करार दिया है।
भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने अपने बल्लेबाजों के उस फैसले का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने इंग्लिश टीम के कप्तान बेन स्टोक्स की ड्रॉ के लिए की गई पेशकश को ठुकराते हुए क्रीज पर रहकर अपने शतक पूरे किए हैं। गंभीर ने कहा कि अगर एक बल्लेबाज 90 और दूसरा 85 पर खेल रहा है, तो क्या वह शतक के हकदार नहीं हैं? क्या वह मैदान छोड़कर चले जाते? अगर इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज के पास अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका होता, तो क्या आप उसे ऐसा करने से रोकते? मुझे लगता है कि वे दोनों शतक के हकदार थे और उन्होंने शतक पूरा किया।
वहीं, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने शेकहैंड विवाद को लेकर स्काई स्पोर्ट्स से कहा कि मुझे लगता है कि जडेजा और सुंदर के बल्लेबाजी जारी रखने कोई समस्या नहीं थी। इंग्लैंड की टीम को इसमें समस्या लग रही थी। वे थोड़े थके हुए थे और मैदान छोड़ना चाहते थे, लेकिन दोनों बल्लेबाजों ने 80 और 90 रन तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की थी। इसलिए वह शतक बनाना चाहते थे। स्टोक्स को अंत में हैरी ब्रूक को गेंदबाजी कराके नासमझ दिखने की जरूरत नहीं थी।
वहीं, भारत के पूर्व खिलाड़ी संजय मांजरेकर ने जियोहॉटस्टार पर कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय बल्लेबाजों अपने मुताबिक खेल जारी रखने का पूरा अधिकार था। मुझे लगता है कि स्टोक्स अंत में एक बिगड़ैल बच्चे की तरह पेश आए। मैं देखना चाहता हूं कि अगर उनके दो बल्लेबाज शतक के इतना करीब होते तो इंग्लैंड क्या करता?