क्रिकेट

संजू सैमसन को मिडिल ऑर्डर में खिलाना ‘नाइंसाफी’, मैनेजमेंट की ज़िद शुभमन गिल को टीम में फिट करना

शुभमन गिल को स्थायी ओपनर बनाने का फैसला कहीं न कहीं गौतम गंभीर की पसंद को दर्शाता है। टीम मैनेजमेंट ने गिल को लगातार टॉप पर उतारना चुना है, चाहे संजू सैमसन का रिकॉर्ड कितना ही शानदार क्यों न रहा हो।

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Sep 17, 2025
भारतीय विकेटकीपर-बल्‍लेबाज संजू सैमसन। (फोटो सोर्स: IANS)

Sanju Samson vs Shubman Gill: भारत ने एशिया कप 2025 में पाकिस्तान को हराकर एक बार फिर अपना दबदबा बनाए रखा है। लेकिन, इस जीत के बीच सबसे बड़ा सवाल बना रहा- संजू सैमसन को मिडिल ऑर्डर में भेजने का फैसला। जहाँ एक ओर रोमांच से भरे इस मुकाबले में टीम इंडिया ने बड़ी ही आसानी से पाकिस्तान को मात दी, वहीं भारत के सबसे दमदार बल्लेबाज़ सैमसन को एक भी गेंद खेलने का मौका नहीं मिला, जिसने उनके फैन्स को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या टीम उसकी असली ताकत का सही इस्तेमाल कर रही है।

सैमसन की खामोशी के आगे एशिया कप का रोमांच फीका

एशिया कप के इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में टीम इंडिया की बैटिंग का जिम्मा टॉप ऑर्डर ने बखूबी निभाया। शुभमन गिल, सूर्यकुमार यादव और अभिषेक शर्मा ने शानदार शुरुआत दी और भारत ने एक मजबूत स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तान जब बल्लेबाज़ी करने उतरा, तो भारतीय गेंदबाज़ों ने पूरे मैच पर पकड़ बनाए रखी और बड़ी ही आसानी से जीत का पलड़ा अपनी तरफ कर लिया। लेकिन, इस जीत के बीच सबकी नज़रें टिक गईं संजू सैमसन पर। टीम के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ माने जाने वाले सैमसन को ओपनिंग की बजाए नंबर पाँच पर भेजा गया, वह पोज़िशन जिसमें वे टी20 इंटरनेशनल में अभी तक पूरी तरह सेट नहीं हुए हैं।

गौतम गंभीर की पसंद: गिल को मिली ओपनिंग, सैमसन पीछे

शुभमन गिल को स्थायी ओपनर बनाने का फैसला कहीं न कहीं गौतम गंभीर की पसंद को दर्शाता है। टीम मैनेजमेंट ने गिल को लगातार टॉप पर उतारना चुना है, चाहे संजू सैमसन का रिकॉर्ड कितना ही शानदार क्यों न रहा हो। सैमसन का बतौर ओपनर रिज्यूमे अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है। सिर्फ इस साल ही उन्होंने टी20 इंटरनेशनल में 522 रन जड़े हैं, जिसमें तीन शतक शामिल हैं। उनका औसत 32.63 रहा है और स्ट्राइक रेट 178.77, जो इस फॉर्मेट में किसी भी बल्लेबाज़ को खास बना देता है। सबसे अहम बात यह है कि पॉवरप्ले के ओवर्स में वह गेंदबाज़ों पर सीधा हमला बोल सकते हैं और यही उन्हें टॉप ऑर्डर का नैचुरल और मजबूत दावेदार बनाता है। ऐसे में, सैमसन जैसे बल्लेबाज़ को नीचे खिसकाना उनके टैलेंट और टीम की ज़रूरत दोनों के साथ नाइंसाफी जैसा लगता है।

फिर भी, टीम मैनेजमेंट की ज़िद गिल को टॉप पर खिलाने की है, और इसका नतीजा यह हो रहा है कि सैमसन को ऐसी पोज़िशन पर उतारा जा रहा है, जहाँ न तो वह अपनी असली ताकत दिखा पा रहे हैं और न ही खेल में खुलकर सहज हो पा रहे हैं। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में खिलाड़ियों से लचीलापन जरूर अपेक्षित होता है, लेकिन एक स्पेशलिस्ट टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज़ को मिडिल ऑर्डर में धकेलना कई बार उल्टा असर डाल सकता है। ऐसा करने से न तो टीम को पूरा फायदा मिलता है और न ही खिलाड़ी का आत्मविश्वास उसी स्तर पर रह पाता है।

मिडिल-ऑर्डर का दाव: क्या सैमसन आगे रन बरसा पाएंगे?

आँकड़ें साफ दिखाते हैं कि मिडिल ऑर्डर में सैमसन की मुश्किलें कैसी रही हैं। नंबर 4 से 7 पर खेली गईं 67 पारियों में उनका टी20 इंटरनेशनल औसत गिरकर 19.27 रह गया है, जबकि स्ट्राइक रेट भी सिर्फ 124.80 तक सीमित रह गया है, जो टॉप ऑर्डर की तुलना में काफी कम है। बाउंड्री लगाने की रफ्तार पर भी असर पड़ता है, जहाँ उनके सिर्फ 54.17% रन चौकों-छक्कों से आते हैं, जबकि टॉप ऑर्डर में यह आँकड़ा 63.21% है।

मिडिल ऑर्डर का खेल अलग तरह की स्किल्स माँगता है, जैसे कि तेज़ी से रन गति बढ़ाना, दबाव भरे हालात में स्ट्राइक रोटेट करना और अक्सर कम ओवर बचे होने पर बैटिंग करना। हालाँकि, सैमसन बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन इस पोज़िशन पर उनके अनुभव की कमी बड़े मुकाबलों में तब भारत के लिए मुश्किल बन सकती है, खासकर जब टॉप ऑर्डर जल्दी ढह जाए।

जोखिम का फैक्टर: एशिया कप की चुनौतियां सामने

यूएई जैसी कमज़ोर टीमों के खिलाफ भारत के एक्सपेरिमेंटल प्लेइंग-इलेवन से काम चल सकता है, लेकिन पाकिस्तान, श्रीलंका या बांग्लादेश जैसी मजबूत टीमों के सामने मिडिल ऑर्डर की यह कमजोरी साफ उजागर हो सकती है। यदि सैमसन इस भूमिका में सेट नहीं हो पाए, तो भारत को कम अनुभवी बल्लेबाज़ों पर भारी दबाव डालना पड़ेगा। साथ ही, उन्हें ओपनर के तौर पर मिलने वाली लय और मैच-फिटनेस से भी वे वंचित रहेंगे।

पूर्व खिलाड़ियों और क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने भी चिंता जताई है। उनका मानना है कि यदि टीम इंडिया सैमसन की विस्फोटक प्रतिभा का पूरा इस्तेमाल करना चाहती है, तो उन्हें टॉप ऑर्डर में ही उतारना होगा। कुछ विशेषज्ञ तो यह तक सुझाव दे रहे हैं कि संतुलन बनाए रखने के लिए टीम जितेश शर्मा जैसे मिडिल ऑर्डर स्पेशलिस्ट को शामिल करे और सैमसन को उनकी पसंदीदा पोज़िशन पर बनाए रखे।

टी20 इंटरनेशनल में सैमसन को मिडिल ऑर्डर में भेजने का फैसला भारत के लिए सवालों के घेरे में है। भले ही टीम मैनेजमेंट के अपने स्ट्रैटेजिक इरादे हों, लेकिन उनका टॉप ऑर्डर में शानदार रिकॉर्ड बताता है कि भारत शायद एक मैच-विनर को गँवा रहा है। एशिया कप 2025 के आगे बढ़ने के साथ ही या साफ होगा कि सैमसन अपनी बदली हुई भूमिका में ढल पाएँगे या फिर यह फैसला उनके और टीम इंडिया दोनों के लिए एक गँवाया हुआ बड़ा अवसर साबित होगा।

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