ओल्ड ट्रैफर्ड में पहले दिन बल्लेबाजी आसान नहीं होती। आसमान बादलों से घिरा था, पिच पर हल्की हरियाली थी और क्रिस वोक्स लय में थे। ऐसे में भारतीय ओपनर केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल डटे रहे, लेकिन फिर अचानक आउट हो गए। इस पर संजय मांजरेकर ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
मैनचेस्टर टेस्ट के पहले सत्र में भारतीय सलामी जोड़ी ने अनुशासन और तकनीक का बेहतरीन मिश्रण पेश किया और स्विंग और सीम मूवमेंट का कुशलता से सामना किया। इंग्लैंड के सबसे भरोसेमंद घरेलू तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने नई गेंद से कड़ी परीक्षा ली, लेकिन राहुल की चुस्त तकनीक और जायसवाल के दृढ़ निश्चय ने उन्हें रोके रखा। लंच तक भारत 26 ओवर के बाद बिना किसी नुकसान के 78 रन बनाकर बिना किसी नुकसान के था, जिससे भारत को आगे बढ़ने में बड़ी बढ़त मिल गई।
पहले सत्र में भारत ने जो लय बनाई थी, वह ब्रेक के बाद नाटकीय ढंग से बिखर गई। राहुल 46 रन बनाकर शानदार लय में दिख रहे थे, लेकिन लंच के तुरंत बाद क्रिस वोक्स की गेंद पर स्लिप कॉर्डन में कैच आउट हो गए। जायसवाल 151 गेंदों में 61 रन बनाए थे, कुछ ही देर बाद बाएं हाथ के स्पिनर लियाम डॉसन की ढीली गेंद पर पहली स्लिप में हैरी ब्रूक के हाथों में कैच थमा बैठे।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने जियोहॉट स्टार पर सवाल उठाते हुए कहा कि मजबूत स्थिति में होने के बावजूद भारत के सलामी बल्लेबाज इंग्लैंड को मुकाबले से और दूर नहीं ले जा सके। यह मौका हाथ से निकल गया। क्या लंबे दौरे की थकान भारत के शीर्ष क्रम के खिलाड़ियों पर दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि आपने देखा कि पहला सत्र, जो एक महत्वपूर्ण सत्र था, वह भारत के नाम रहा और फिर दूसरा सत्र इंग्लैंड के नाम रहा। हमने दो जमे हुए बल्लेबाजों केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल को आउट होते देखा।
आपको हैरानी होगी। मुझे नहीं पता कि मैं इसे ज़्यादा पढ़ रहा हूं या नहीं, क्या यह लंबी सीरीज की मानसिक थकान है। ये वो खिलाड़ी हैं, जिन्होंने रन बनाए हैं। ये ऐसे बल्लेबाज़ नहीं हैं, जो 50 रन बनाकर बढ़त गंवा देंगे। क्या इसका संबंध मानसिक सहनशक्ति, जरूरी रिज़र्व खिलाड़ियों से है? उन्होंने अब तक इतना अच्छा खेला है, लेकिन उनमें प्रतिबद्धता और मेहनत की कमी है।