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बॉडीलाइन सीरीज के नाम से मशहूर क्रिकेट इतिहास की सबसे विवादित सीरीज, जिसकी वजह से नियम तक बदलने पड़े

एशेज 2017 से ऑस्ट्रेलिया के पास है और इंग्लैंड को उसे वापस पाने के लिए अपनी तरफ से एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। इंग्लैंड ने 2011 से ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है। उसने आस्ट्रेलिया में आखिरी सीरीज भी 2011 में ही जीती थी।

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Nov 18, 2025
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे विवादित मैच (Photo - IANS)

Australia vs England, Ashes 2025: क्रिकेट इतिहास की सबसे कुख्यात और विवादास्पद टेस्ट सीरीज 1932-33 की बॉडीलाइन सीरीज आज भी जब बात होती है, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई इंग्लैंड टीम ने डॉन ब्रैडमैन जैसे अद्भुत बल्लेबाज को रोकने के लिए जो हथकंडा अपनाया, उसने न सिर्फ क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख दिया, बल्कि खेल के नियमों और भावना को हमेशा के लिए बदल दिया।

इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने ब्रैडमैन को हराने के लिए एक भयानक रणनीति तैयार की, जिसे बाद में "बॉडीलाइन बॉलिंग" कहा गया। इसका मतलब था: तेज गेंदबाज लगातार शॉर्ट-ऑफ-लेंथ गेंदें बल्लेबाज के शरीर (खासकर सीने और सिर की ओर) पर मारें, लेग स्टंप की लाइन पर, और लेग साइड पर 5-6 फील्डर खड़े कर दें ताकि बल्लेबाज हुक या पुल शॉट खेले तो कैच थमा दे या डर के मारे रन बनाना ही बंद कर दे।

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इंग्लैंड के मुख्य हथियार बने तेज गेंदबाज हेरोल्ड लारवुड और बिल वूस। लारवुड की रफ्तार और सटीकता इतनी खतरनाक थी कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सचमुच जान बचाने की जद्दोजहद करते दिखे। तीसरे टेस्ट (एडिलेड) में तो हद हो गई। लारवुड की एक तेज बाउंसर विकेटकीपर बर्ट ओल्डफील्ड के सिर पर लगी और वे मैदान पर गिर पड़े। स्टेडियम में मौजूद 50,000 दर्शकों ने इंग्लैंड टीम पर बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को मैदान के अंदर तैनात करना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बिल वुडफुल को भी पहले ही पसलियों में चोट लग चुकी थी।

सीरीज के दौरान दोनों देशों के बीच तीखी तार-पत्र व्यवहार हुए। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड ने एमसीसी को तार भेजकर कहा कि यह "अनस्पोर्टिंग" और "खेल भावना के खिलाफ" है। जवाब में एमसीसी ने ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड से माफी मांगने को कहा, वरना सीरीज रद्द हो जाएगी। आखिरकार ऑस्ट्रेलिया को झुकना पड़ा, क्योंकि उस समय आर्थिक मंदी के दौर में सीरीज का रद्द होना ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए विनाशकारी होता।

लेग साइड फील्डिंग के नियम:

  • अधिकतम दो फील्डर: स्क्वायर लेग और फाइन लेग के बीच के चतुर्थांश में केवल दो फील्डर ही रख सकते हैं। यह नियम फील्डिंग को संतुलित करने के लिए बनाया गया है, ताकि गेंदबाज लेग साइड पर ज्यादा से ज्यादा फील्डर रखकर बल्लेबाज को परेशान न कर सके।
  • अंपायर की भूमिका: यदि कोई भी फील्डर इस नियम का उल्लंघन करता है, तो स्ट्राइकर के पास खड़े अंपायर नो बॉल का संकेत देंगे।
  • टेस्ट और अन्य प्रारूपों में अंतर: यह नियम टेस्ट क्रिकेट में भी लागू होता है, जबकि अन्य प्रारूपों में पावरप्ले के दौरान फील्डिंग के और भी प्रतिबंध हो सकते हैं।
  • ऑन साइड के लिए भी नियम: लेग साइड नियम के अलावा, ऑन साइड पर भी एक नियम है कि पॉपिंग क्रीज के पीछे विकेटकीपर के अलावा दो से ज़्यादा फील्डर नहीं होने चाहिए।

इस पूरी सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए और आखिरकार इंग्लैंड ने सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली। इंग्लैंड ने सीरीज का पहला मैच 10 विकेट से जीता। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए दूसरे टेस्ट को 111 रन से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली।

इंग्लैंड ने तीसरा मुकाबला 338 रन से जीतकर फिर से बढ़त बनाई। इसके बाद बिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट को 6 विकेट से जीता और सिडनी में पांचवां और अंतिम मुकाबला 8 विकेट से अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) को इस रणनीति के खिलाफ विरोध जताया। इसके परिणामस्वरूप क्रिकेट के नियमों में बड़े बदलाव किए गए। इस सीरीज के बाद से लेग साइड फील्ड सेटअप और शॉर्ट पिच गेंदबाजी पर बैन लगाया दिया।

बता दें एशेज 2017 से ऑस्ट्रेलिया के पास है और इंग्लैंड को उसे वापस पाने के लिए अपनी तरफ से एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। इंग्लैंड ने 2011 से ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है। उसने आस्ट्रेलिया में आखिरी सीरीज भी 2011 में ही जीती थी।

Published on:
18 Nov 2025 03:07 pm
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