Zaheer Khan on Gautam Gambhir: भारत के पूर्व पेसर ज़हीर खान ने टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर पर अत्यधिक लचीले रवैये के साथ असुरक्षा पैदा करने जैसे बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
Zaheer Khan on Gautam Gambhir: भारतीय टीम में हेड कोच गौतम गंभीर की रणनीति को लेकर संदेह लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ज़हीर खान ने गंभीर की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि टीम में लचीलापन ठीक है, लेकिन इससे असुरक्षा पैदा हो रही है। उन्होंने गंभीर को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की असुरक्षा निश्चित रूप से भारत के मुख्य कोच को नुकसान पहुंचाएगी। उन्होंने टीम के चयन और बल्लेबाजी संयोजन पर सवाल उठाए हैं। आइये आपको भी बताते है कि जहीर खान ऐसा क्यों और क्या-क्या कहा है?
इंग्लैंड के खिलाफ पहले वनडे में यशस्वी जायसवाल ने रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग की थी। श्रेयस अय्यर ने मैच के बाद खुलासा किया था कि वह प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे, लेकिन कोहली के घुटने में चोट के चलते ऐन मौके पर उन्हें खिलाया गया। इससे दो सवाल उठ रहे हैं कि फॉर्म में चल रहे श्रेयस अय्यर को नंबर 4 से हटाना और दूसरा गिल को ओपनिंग से हटाना। ये बहुत ज़्यादा लचीलापन असुरक्षा का कारण बनता है।
वहीं, केएल राहुल-अक्षर पटेल प्रयोग की भी सभी ने कड़ी आलोचना की है। केएल राहुल को दोनों मैचों में छठे नंबर पर उतारा गया, क्योंकि निचले क्रम के बल्लेबाज अक्षर पटेल को राहुल से पहले उतारा गया। ज़हीर खान ने कहा कि लचीलापन तब तक ठीक है, जब तक यह दिशा-निर्देशों का पालन करता है। उन्होंने संकेत दिया कि बहुत ज़्यादा बदलाव खिलाड़ियों में असुरक्षा को बढ़ावा दे सकते हैं।
जहीर खान ने क्रिकबज पर कहा कि आपने कहा है कि आपके पास लचीलापन होना चाहिए। नंबर एक और दो तो होंगे ही, लेकिन बाकी खिलाड़ी भी लचीले होंगे। उस लचीलेपन में कुछ नियम भी लागू होते हैं। कुछ प्रोटोकॉल हैं, जिनका आपको पालन करना होगा। कुछ कम्युनिकेशन की आवश्यकता है, जो चीज़ों को सुव्यवस्थित करेगी। अन्यथा, आप असुरक्षा पैदा कर रहे हैं, जो किसी न किसी स्तर पर वापस आकर आपको नुकसान पहुंचाएगी। आप नहीं चाहते कि ऐसा हो। इसलिए आपको उस स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
जहीर ने आगे कहा कि अगर आप राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर के दृष्टिकोण की तुलना करें तो स्थिति गतिशील हो गई है। आप इसे अच्छा, बुरा या बदसूरत या आप कह सकते हैं कि हम कैसे अनुकूलन करते हैं। हर व्यक्ति इस सिस्टम का हिस्सा है, चाहे वह सीनियर मैनेजमेंट, थिंक टैंक, खिलाड़ी या वह चयनकर्ता हों। उन्हें इसका आकलन करते हुए पूरे सिस्टम को सुव्यवस्थित करना होगा।