रियासत बदल गई, सरकारें बदल गईं, लेकिन नलकेश्वर महादेव मंदिर की स्थिति को सुधारने का जतन नहीं हुआ है। सरपंची से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव...
ग्वालियर. रियासत बदल गई, सरकारें बदल गईं, लेकिन नलकेश्वर महादेव मंदिर की स्थिति को सुधारने का जतन नहीं हुआ है। सरपंची से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जीत के लिए उम्मीदवार इस मंदिर पर आकर जीत की मन्नतें मांगते हैं। अभी पंचायत चुनाव जीतने के लिए भी उम्मीदवारों में अखण्ड ज्योति जलाई है। लेकिन मंदिर अंधेरे में है। इसे लेकर किसी ने सुध नहीं ली है। मंदिर के पुजारी शंकरदास कहते हैं, नलकेश्वर महादेव का मंदिर एक सदी से ज्यादा पुराना है। पड़ोसी गांव रेढ़की तक में लाइट है। लेकिन मंदिर में उजाले का इंतजाम नहीं है। इसका खामियाजा यहां रहने वाले पुजारी से लेकर आने जाने वालों को उठाना पड़ता है।
दिन का वक्त तो कट जाता, रात में परेशानी
मंदिर में रहने वाले संत अविरामदास कहते हैं, नलकेश्वर मंदिर जंगली हिस्से में है। रविवार और सोमवार को यहां श्रद्धालुओं की आवाजाही रहती है। बरसात के दिनों में तो मंदिर पर पैर रखने वालों की जगह नहीं बचती। क्योंकि ज्यादातर लोग यहां गोठ मनाने भी आते हैं। लेकिन मंदिर पर लाइट नहीं होना मंदिर पर आने और यहां रहने वालों के लिए परेशानी है। दिन का वक्त तो किसी तरह कट जाता है, लेकिन शाम ढलते हीं यहां रहना मुश्किल होता है। जंगली हिस्से में होने की वजह से जानवरों का भी डर रहता है।
मन्नतें तो मांगते, मंदिर में उजाले की सुध नहीं
शंकरदास का कहना है मंदिर पर तमाम नेता और प्रशासन के अधिकारी भी आते हैं। चुनाव आते हैं तो उम्मीदवार अपनी जीत के लिए यहां मन्नतें मांगने आते हैं। अभी पंचायत चुनाव की जीत के लिए भी उम्मीदवारों ने मंदिर पर तमाम तरह से मन्नत मांगी है। एक उम्मीदवार ने अखण्य ज्योति जलवाई है। इन लोगों से कहते हैं मंदिर तक लाइट का इंतजाम करवा दो। लेकिन कोई नहीं सुनता।