Blind Women T20 World Cup: पहला ब्लाइंड विमेन टी-20 वर्ल्ड कप जीतकर भारत ने इतिहास रचा, और इस जीत की धड़कन बनी दमोह की सुषमा पटेल, जिन्होंने एक आंख गंवाने के बाद भी हार नहीं मानी।
Blind Women T20 World Cup: विमेंस ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप को भारतीय टीम ने जीतकर इतिहास रच दिया है। पहला ही खिताब भारत ने अपने नाम किया है। इस टीम में मप्र के दमोह जिले के जबेरा क्षेत्र की एक बेटी सुषमा पटेल (Sushma Patel) भी शामिल थी, जो बतौर आल राउंडर टीम में थी। सुषमा पटेल भारतीय महिला ब्लाइंड टीम के गठन पहली कप्तान बनी थीं। इसके बाद भी लगातार वह टीम के लिए योगदान दे रही हैं। (mp news)
क्रिकेटर सुषमा जबेरा ब्लॉक के एक छोटे से गांव घानामैली की रहने वाली हैं। सुषमा की इस उपलब्धि पर गांव ही नहीं पूरे जिले में खुशी का माहौल है। सुषमा के पिता बाबूलाल पटेल है। उनके परिवार में ८ सदस्य है। जिसमें पत्नी लक्ष्मीबाई, तीन बेटी, दो बेटे और एक बहू। पूरा परिवार एक एकड़ भूमि पर आश्रित है। मात्र एक कच्चे मकान में परिवार के सभी सदस्य रहते हैं।
बताते है कि साल 2005 की बात है, जब रामायण सीरियल का बहुत ज्यादा प्रचलन था। रामायण में युद्ध होते देख बच्चे भी तीर कमान कंधों में लटका कर घूमने लगे थे। ठीक उसी प्रकार मेरे बड़े बेटे ने धनुष बाण से खेलना शुरु किया। एक बार वह बाण चला रहा था, लेकिन बाण का कुछ हिस्सा टूट कर सुषमा की बांयी आंख में जा लगा, जिससे उसकी एक आंख खराब हो गई थी।
ग्रामीणों ने बताया कि सुषमा छोटे से ही मेहनती है। भाई को किकेट खेलते देख सुषमा भी साथ खेलने के लिए निकल जाती थी। तभी से सुषमा की रुचि किकेट के प्रति बढ़ गई थी। सुबह के 4 बजते ही दौडने जाना, क्रिकेट खेलना, 10 बजते ही भागते हुए स्कूल जाना, वहां से लौटते ही खेती के काम में हाथ बटाने का काम भी वह करती थीं। 8 से12 बजे रात तक मन लगाकर पढना, यही पूरी दिनचर्या गांव में रहते हुए सुषमा की रही है। (mp news)