दमोह

Damoh Fake Doctor: अवैध लैब के फर्जी दस्तावेज बनाए, अस्पताल संचालक समेत 9 पर केस

Damoh Fake Doctor Case : मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव की सर्जरी से 7 मरीजों की मौत के बाद कोतवाली पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ. अजय लाल, पत्नी इंदुलाल समेत 9 पर केस दर्ज किया है।

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Apr 16, 2025

Damoh Fake Doctor Case : मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव की सर्जरी से 7 मरीजों की मौत के बाद कोतवाली पुलिस ने अस्पताल संचालक डॉ. अजय लाल, पत्नी इंदुलाल समेत 9 पर केस दर्ज किया है। अस्पताल की अवैध कैथलैब जबलपुर डॉ. अखिलेश दुबे के नाम रजिस्टर्ड थी। मामला खुलने के चार दिन तक चुप्पी साधे बैठे डॉ. दुबे ने अब अपने हस्ताक्षर को ही फर्जी बताया है। सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन की जांच में संचालक डॉ. लाल, पत्नी इंदु, अशीम न्यूटन, फ्रेंक हैरिसन, जीवन मैसी, रोशन प्रसाद, कदीर यूसुफ, संजीव लैम्बार्ड और विजय लैम्बार्ड को फर्जी दस्तावेज बनाने में दोषी पाया गया है।

एएसपी संदीप मिश्रा ने बताया, सभी आरोपी अस्पताल(Damoh Fake Doctor Case) में विभिन्न प्रशासनिक पदों पर रहे हैं। वे अवैध गतिविधियों में शामिल मिले। सीएमएचओ की इस जांच से स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली ही संदिग्ध हो गई है। सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब कैथलैब के रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन आवेदन दिया, तब विभाग ने क्या बिना जांच ही संचालन की अनुमति दी? अब सीएमएचओ कह रहे हैं, अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने पर विचार किया जा रहा है।

अमरीका में अस्पताल संचालक

अस्पताल संचालक डॉ. अजय लाल पत्नी इंदु के साथ अमरीका में हैं। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी चुनौती बन गई है। धर्मांतरण के दूसरे केस में जमानत मिलने के बाद से डॉ. अजय लाल अमरीका में ही रह रहे हैं। एएसपी संदीप मिश्रा ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास हो रहे हैं।

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इन सवालों में घिरा स्वास्थ्य तंत्र

1. फर्जी दस्तावेजों से कैथलैब का रजिस्ट्रेशन कैसे हुआ। ऑनलाइन प्रक्रिया में सत्यापन के कई चरण होते हैं। फिर फर्जीवाड़ा महीनों तक क्यों नहीं पकड़ा गया?

2. डॉ. अखिलेश दुबे लैब सील होने से दो दिन पहले हरकत में आए। 10 अप्रेल को लैब सील हुई, दो दिन पहले सीएमएचओ को पंजीयन आवेदन में फर्जी दस्तखत की सूचना क्यों दी?

3. लैब सील होने से पहले क्या विभाग ने इसे वैध श्रेणी में रखा था?

मकाऊ में भी किया इलाज, नरेंद्र की डिग्री जब्त

फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसकी एमबीबीएस समेत अन्य डिग्रियां मकाऊ में जब्त हैं। मकाऊ प्रशासन ने उसकी मेडिकल डिग्री 5 साल के लिए रद्द भी कर दी थी। साफ है कि नरेंद्र वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहा था। उसने दमोह व बिलासपुर में ही नहीं, देश के बाहर भी खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर गंभीर मरीजों का इलाज किया।

Published on:
16 Apr 2025 08:41 am
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