गर्भावस्था दौरान महिला के पोषण पर एडवायजरी जारी
सुरक्षित मातृत्व के लिए गर्भावस्था दौरान पोषण पर एडवायजरी जारी की गई है। सीएमएचओ डॉ. राजेश अठ्या ने बताया कि संतुलित, विविध और नियमित भोजन ही स्वस्थ मां व स्वस्थ शिशु की कुंजी है। गर्भधारण महिला के जीवन एक सुखद अनुभूति है। यह सुखद अनुभूति तभी सुरक्षित और स्थायी रहती है, जब गर्भवती महिला शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो। मां का स्वास्थ्य ही शिशु स्वास्थ्य की नींव होता है। आपके ऑगन में खेलने वाला शिशु तभी स्वस्थ होगा, जब उसकी जन्मदात्री मां गर्भावस्था दौरान उचित पोषण लेगी।
गर्भवती महिला का भोजन पौष्टिक और अधिक मात्रा में होना चाहिए। गर्भवती को सामान्य से एक समय के बराबर अतिरिक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। भोजन थोड़ा.थोड़ा करके दिन में 4 से 5 बार लेना अधिक लाभकारी होता है। भोजन कम मसाले वाला रूचिकर व सुपाच्य होना चाहिए। रात का भोजन हल्का तथा सोने से पहले हल्का करें।
हरी सब्जियां व दालें, पालक, मेथी, सरसों, बथुआ, सभी प्रकार की दालें चना, अरहर, मूंग ये आयरन, प्रोटीन व विटामिन का अच्छा स्त्रोत हैं। दूध व दूध से बने पदार्थ.दूध, दही, छाछ, पनीर ये कैल्शियम की पूर्ति कर हडिडयो को मजबूत बनाते हैं। मौसमी फल पपीता, अमरूद, केला, ऑवला, संतरा आदि ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। गुड़, मूगफली, तिल अंकुरित अनाज, लोहे के बर्तन में बना भोजन। इनमें आयरन की मात्रा अधिक होती है।
दिन में 8 से 10 गिलास साफ पानी पीएं। भोजन से पहले व बाद में हाथ साबुन से धोएं। बासी व खुले भोजन से परहेज करें। प्रतिदिन 8 घण्टे की नींद लें। दिन में कुछ समय आराम करें। परिवार का सहयोग व सकारात्मक माहौल जरूरी है।
जिले में शीतलहर का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार की रात तापमान गिरकर अपने न्यूनतम स्तर 7.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। रविवार को पारा लुढ़कने से रविवार को भी पूरे दिन सर्द हवाओं का असर बना रहा। सुबह से ही शहर कोहरे की हल्की चादर में लिपटा दिखाई दिया। तेज ठंडी हवाएं चलने से लोगों के सामान्य जीवन पर असर पड़ रहा है।
ठंड के चलते सुबह से काम से निकलने वाले और नौकरीपेशा लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग अलाव, हीटर और गरम पेय पदार्थों का सहारा लेते नजर आए। रात ९ बजे के बाद शहर की सड़कें वीरान रहीं। जरूरत पडऩे पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों तक पारा और गिर सकता है। उत्तरी भारत से आ रहे शीत प्रवाह का असर मध्य प्रदेश के भीतरी हिस्सों तक पहुंच गया है, जिससे प्रदेश के कई जिलों में तापमान में गिरावट का दौर जारी रहने की संभावना है। अभी ठंड से राहत मिलने के आसार कम हैं। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। अगर हवा का रुख इसी तरह बना रहा तो तापमान और नीचे जा सकता है।