दंतेवाड़ा

बस्तर ओलंपिक में खेलने जा रहे बच्चों का वाहन पलटा, 10 नन्हें खिलाड़ी घायल, मचा हड़कंप

Bastar Olympics Accident: बस्तर ओलंपिक में भाग लेने जा रहे धुरली आश्रम के बच्चे मालवाहक वाहन पलटने से घायल हो गए। हादसा तब हुआ जब वाहन को एक कार ने अचानक कट मार दिया।

2 min read
बस्तर ओलंपिक में खेलने जा रहे खिलाड़ी घायल (photo source- Patrika)

Bastar Olympics Accident: बस्तर ओलंपिक के दौरान मंगलवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। भांसी पंचायत में आयोजित ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे बच्चों से भरी एक मालवाहक पिकअप वाहन (छोटा हाथी) अचानक पलट गई। इस हादसे में करीब 25 बच्चे घायल हो गए, जिनमें से 10 को मामूली चोटें आईं। सभी घायलों को तुरंत एम्बुलेंस से बचेली के अपोलो अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

ये भी पढ़ें

Bastar Olympics 2025: बस्तर ओलंपिक की खिलाड़ी ललिता घायल, इलाज के लिए परिवार ने गिरवी रख दिया सोना

Bastar Olympics Accident: हादसे के बाद मची अफरा-तफरी

जानकारी के अनुसार, धुरली बालक आश्रम और कन्या आश्रम के बच्चे मंगलवार सुबह भांसी में चल रहे बस्तर ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने दंतेवाड़ा से बचेली की ओर जा रही एक मालवाहक पिकअप वाहन को हाथ देकर रोका और उसमें सवार हो गए। धुरली से भांसी की दूरी मात्र दो किलोमीटर है, लेकिन रास्ते में अचानक एक कार ने पिकअप को कट मार दिया, जिससे चालक का संतुलन बिगड़ गया और वाहन सड़क किनारे पलट गया। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई।

ग्रामीणों और शिक्षकों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को बाहर निकाला और एम्बुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया। गनीमत रही कि सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे आयोजनों में बच्चों की सुरक्षित आवाजाही के लिए स्कूल बस या अन्य यात्री वाहनों की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

प्रशासन की लापरवाही उजागर

Bastar Olympics Accident: यह हादसा एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलता है। हर साल बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजनों में बच्चों को मालवाहक वाहनों में बैठाकर मैदान तक पहुंचाया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके, जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर नियम बनाए तो गए हैं, लेकिन उनका पालन नहीं किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें

CG News: भारतीय हॉकी का शताब्दी वर्ष, देेशभर में खेले जाएंगे 1000 से अधिक मैच, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में होगा दर्ज

Updated on:
05 Nov 2025 01:50 pm
Published on:
05 Nov 2025 01:49 pm
Also Read
View All

अगली खबर