Navratri 2025: नवरात्रि के पहले दिन दंतेश्वरी धाम में मां शैलपुत्री की पूजा और कलश स्थापना हुई। मंदिर में 6 हजार से अधिक ज्योत प्रज्ज्वलित हुईं और भक्तों की भीड़ उमड़ी।
Navratri 2025: बस्तर की आराध्य मां दंतेश्वरी की पावन धरा पर शारदीय नवरात्र का पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ प्रारंभ हो चुका है। सोमवार को शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ मनोकामना ज्योति कलश स्थापना की गई और प्रथम दिवस पर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना संपन्न हुई।
नवरात्र के आरंभ से ही जगदलपुर सहित पूरे बस्तर अंचल में धार्मिक उल्लास का वातावरण छा गया है। मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर प्रांगण में भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं और धूप-गर्मी की परवाह किए बिना श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उत्साहित नजर आए। मंदिर के बाहर का नजारा भी आस्था और भक्ति का अद्भुत स्वरूप प्रस्तुत करता रहा।
नवरात्र के अवसर पर दंतेश्वरी मंदिर परिसर स्थित ज्योति कलश भवन में सर्वप्रथम राजा कमलचंद भंजदेव ने पूजा-अर्चना कर परंपरागत रूप से ज्योत प्रज्ज्वलित की। पुजारी ने बताया कि इस बार कुल 6795 मनोकामना ज्योत कलश जलाए गए, जिनमें 6042 तेल के ज्योति कलश और 753 घी के ज्योति कलश शामिल हैं। भक्तों ने अपनी-अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ज्योत प्रज्ज्वलित कर माता से आशीर्वाद की कामना की।
दंतेश्वरी शक्तिपीठ दंतेवाड़ा की ओर भी पदयात्रियों का रेला शुरू हो गया है। दूर-दराज़ से श्रद्धालु पैदल यात्रा कर देवी दर्शन के लिए निकल पड़े हैं। नवरात्र के नौ दिनों तक बस्तर अंचल देवी आराधना और भक्ति में डूबा रहेगा। नवरात्र महोत्सव के दौरान पूरे क्षेत्र में धार्मिक आस्था का अनोखा उत्साह देखने को मिल रहा है, जो बस्तर की संस्कृति और परंपरा की गहरी छाप छोड़ता है।
Navratri 2025: नवरात्र के शुभारंभ के साथ ही बस्तर अंचल के विभिन्न स्थानों पर भी दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की गई। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक मंदिरों और पूजा पंडालों में विशेष तैयारियां की गई हैं। जगदलपुर सहित पूरे संभाग में धार्मिक आयोजन प्रारंभ हो गए हैं।