Pandit Pradeep Mishra: दंतेवाड़ा के गीदम नगर में 7 से 13 दिसंबर तक प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है।
Pandit Pradeep Mishra: दंतेवाड़ा जिले के गीदम नगर में 7 से 13 दिसंबर तक देश के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। यह दक्षिण बस्तर का पहला स्थान होगा, जहां इतनी बड़ी संख्या में कथा वाचन का आयोजन किया जा रहा है।
कथा के मुख्य आयोजक विजय प्रसाद तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 दिसंबर को कलश यात्रा के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की जाएगी। पंडाल में डेढ़ से दो लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की जा रही है और प्रतिदिन लगभग एक से डेढ़ लाख श्रद्धालुओं के कथा सुनने की संभावना है। आयोजन समिति के 300 से अधिक सदस्य दिन-रात कथा के सफल आयोजन में जुटे हुए हैं।
तिवारी ने बताया कि नगरवासियों से चर्चा के बाद उन्हें पूरा सहयोग मिला और कार्यक्रम पूरे गीदम नगर के गणमान्य नागरिकों की भागीदारी से संपन्न होगा। उन्होंने जिले के सनातन परिवार से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में इस कथा में पधारकर अपने जीवन और परिवार को सुखमय बनाएं। पंडित प्रदीप मिश्रा की यह कथा दक्षिण बस्तर वासियों के लिए वरदान साबित होगी और मां दंतेश्वरी की पावन धरा में इसे सुनने का अवसर सनातन प्रेमियों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।
Pandit Pradeep Mishra: शिव महापुराण कार्यक्रम को सुव्यवस्थित रखने के लिए यातायात विभाग ने विशेष पार्किंग व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थल के आसपास कुल पाँच प्रमुख पार्किंग स्थलों को चिन्हित किया गया है। जारी निर्देशों के अनुसार, वीआईपी आगंतुकों के लिए पार्किंग-01 निर्धारित की गई है। बीजापुर रोड पर स्थित पार्किंग-02 कार्यक्रम स्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर रहेगी।
जगदलपुर-दंतेवाड़ा रोड पर बनाई गई पार्किंग-03 सबसे निकट, लगभग 200 मीटर की दूरी पर रखी गई है, जिससे श्रद्धालुओं को आसानी होगी। इसके अलावा बारसूर रोड पर पार्किंग-04 और पार्किंग-05 चिन्हित की गई हैं, जो स्थल से करीब 500 मीटर दूर रहेंगी। यातायात विभाग ने कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित पार्किंग स्थलों का ही उपयोग करें और यातायात नियमों का पालन करते हुए व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से संपन्न हो सके।