Dausa News: लापता व्यक्ति का शव श्यालावास दमगिरिया पुलिया के पास रेलवे ट्रैक के समीप मिलने से सनसनी फैल गई।
बांदीकुई। लापता व्यक्ति का शव श्यालावास दमगिरिया पुलिया के पास रेलवे ट्रैक के समीप मिलने से सनसनी फैल गई। रेलकर्मी की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जिस पर शव की शिनात पीचूपाड़ा कलां निवासी लल्लूराम प्रजापत (38) के रूप में हुई। परिजनों के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एकत्र होकर बांदीकुई थाने में जमकर हंगामा किया।
परिजनों का कहना था कि युवक की हत्या की गई हैं। 15 सितंबर को रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं की। संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने के मामले में गुरुवार देर रात तक सहमति नहीं बनने पर शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। अस्पताल में पुलिस तैनात है।
शैतानसिंह ने बताया कि उसका भाई मृतक लल्लूराम माधोगंज मंडी में परचूनी की एक दुकान पर मजदूरी का कार्य करता था। 15 सितंबर को देर रात बिना किसी को बताए घर से एक लाख रुपए लेकर गया था, अगले दिन 16 सितंबर को जब वह वापस नहीं लौटा तो उसको आसपास के गांवों व ढाणियों में तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। 17 सितंबर को पुलिस से उसका शव संदिग्ध हालत में मिलने की सूचना मिली। परिजनों का कहना है कि समय रहते यदि पुलिस युवक को तलाश लेती तो अप्रिय घटना से बचा जा सकता था।
संदिग्ध अवस्था में लल्लूराम प्रजापत की मौत होने के बाद उसके तीनों बच्चों पर से पिता का साया छूट गया। पिता की मौत के बाद बच्चों का रो—रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने बताया लल्लूराम प्रजापत के एक बच्चा और दो बच्चियां हैं। लल्लूराम की पत्नी की मौत करीब छह माह पूर्व बीमारी के चलते हो गई थी। इस कारण पहले बच्चों के ऊपर से मां का साया उठ गया था और अब पिता का साया भी हट गया। इसके चलते बच्चों के ऊपर आर्थिक संकट के बादल छा गए हैं।
परिजनों और ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताते हुए करीब तीन घंटे तक गुरुवार को थाने पर जमकर हंगामा किया। इसके बाद उपजिला अस्पताल में पहुंचकर ग्रामीण और परिजन धरने पर बैठ गए। लोगों ने मृतक के आश्रित बच्चों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर उपजिला अस्पताल में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
इस दौरान पुलिस-प्रशासन ने कई बार समझाइश को लेकर वार्ता की, लेकिन ग्रामीणों ने आश्रितों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर विरोध जारी रखा। इस दौरान एसडीएम रामसिंह राजावत, सीओ रोहिताश्व देवंदा, बीसीएमएचओ बनवारीलाल, थानाधिकारी जहीर अब्बास खान, पीएमओ पंकज यादव, कैलाश बैरवा, रतनसिंह पटेल, जीतू श्यालावास सहित अन्य मौजूद रहे।
मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने मामले की जांच एफएसएल टीम, मोबाइल टीम से करवाकर हत्या के आरोपियों को कठोर से कठोर सजा देने, आश्रितों को नौकरी, मृतक के परिवारजनों को 50 लाख की मुआवजा राशि, सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग रखी।