दौसा विधानसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद भाजपा में इशारों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। अब दौसा के पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा के बयान ने हलचल मचा दी है।
राजस्थान में उपचुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश की सियासत में गर्माहट आ गई है। दौसा विधानसभा सीट से किरोड़ी लाल मीना के भाई जगमोहन मीना ने चुनाव लड़ा। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी ने डीसी बैरवा को टिकट दिया और उन्होंने जगमोहन मीना को 2300 वोटों से हरा दिया। जिसके बाद से भाजपा में इशारों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। उपचुनाव के परिणाम आने के बाद किरोड़ी लाल मीना ने बयान दिया था कि ' गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है।'
जिसके बाद अब दौसा के पूर्व विधायक शंकरलाल शर्मा के बयान ने सियासी हलचल मचा दी है। सोमवार को मीडिया से बातचीत में शर्मा ने कहा कि जनरल सीटों पर एसटी को टिकट देंगे तो जनरल कहां जाएंगे। मैं वहां से विधायक रहा हूं, लेकिन उसके बावजूद मुझसे पूछा नहीं गया।
शर्मा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि काफी सालों से किरोड़ी-मुरारी के एक होने की जनता में बात चलती है। हो सकता है कि किरोड़ी लाल का इशारा दौसा सांसद मुरारीलाल मीना पर हो, क्योंकि बीजेपी ने तो वोट दिया है। उन्होंने कहा कि हार पचाना सबके बस का रोग नहीं है। उन्होंने कहा कि जब किरोड़ी राजपा में थे तो हम पांच सीट जीते, बीजेपी में आए तो आठ हार गए।
किरोड़ी लाल मीना ने दौसा में उनके भाई जगमोहन मीना हार के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा था कि 'मैं चाटुकारिता नहीं करता इसलिए मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है। स्वाभिमानी हूं। जनता की खातिर जान की बाजी लगा सकता हूं। गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है।' वहीं, भाजपा प्रत्याशी जगमोहन मीना ने हार के बाद कहा था कि यह स्पष्ट हो चुका है कि हार के क्या कारण रहे। ये आपको भी मालूम है। जब अपने ही बेवफा हो जाएं तो क्या कीजिए।