एक तरफ जहां अभिभावक अपने बालक बालिकाओं को अच्छी शिक्षा ग्रहण के लिए विद्यालय में अध्यापकों के पास भेजते हैं वहीं कुछ परिवार के लोग शिक्षा देने वाले शिक्षकों पर ही हमला कर उनमें भय का माहौल बना रहे हैं।
गीजगढ़। एक तरफ जहां अभिभावक अपने बालक बालिकाओं को अच्छी शिक्षा ग्रहण के लिए विद्यालय में अध्यापकों के पास भेजते हैं वहीं कुछ परिवार के लोग शिक्षा देने वाले शिक्षकों पर ही हमला कर उनमें भय का माहौल बना रहे हैं। कुछ ऐसी ही घटना सिकंदरा थानांतर्गत बहरावंडा पंचायत के दिवाकर गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार दोपहर कारित हुई।
चारदीवारी मामले को लेकर विद्यालय के समीप रहने वाले एक परिवार के सदस्यों ने मिलकर शिक्षकों पर कुल्हाड़ी, डंडों, पत्थरों से हमला कर दिया। जिसका अन्य शिक्षकों ने बीच-बचाव किया। इससे एक शिक्षक के सिर में चोट लगने से सिकंदरा राजकीय अस्पताल में इलाज कराया गया, वहीं विद्यालय के शिक्षकों का आने जाने रास्ता बंद कर जान से मारने की धमकी दी। सूचना पर लाका चौकी पुलिस ने पहुंचकर घटना का जानकारी ली। घटना को लेकर शिक्षकों में भय और ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।
प्रधानाध्यापक रामकिशोर मीना ने पुलिस को बताया कि गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे दो शिक्षक अभिषेक चौधरी और मोहित शर्मा 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर विद्यालय परिसर की साफ सफाई करा रहे थे। तभी विद्यालय के समीप रहने वाले महेश राजपूत और उसके दो पुत्र रणजीत, नंदू और पत्नी गीता देवी ने विद्यालय परिसर आकर शिक्षकों से विद्यालय रास्ते को बंद करने और उस रास्ते से आने पर जान से मारने की धमकी देने लगे।
तब अन्य शिक्षकों ने परिवार के सदस्यों को समझाकर घर भेज दिया था लेकिन विद्यालय की छुट्टी होने से 10 मिनट पूर्व परिवार के चारों सदस्य विद्यालय परिसर में कुल्हाड़ी, डंडों और पत्थरों के साथ आकर शिक्षक अभिषेक चौधरी पर हमला करते हुए सिर फोड़ दिया और शर्ट पकड़कर घसीटने लगे। तभी अन्य शिक्षकों ने आकर घायल शिक्षक को बचाया। उन लोगों ने अन्य शिक्षकों से भी अभद्रता की कर विद्यालय कार्यालय में घुसकर सरकारी रिकॉर्ड के कागजों, रजिस्टरों को फैला दिया। सिकंदरा थाना अधिकारी अशोक चौधरी ने बताया कि विद्यालय में एक परिवार के लोगों ने शिक्षक पर हमला कर सिर फोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
छुट्टी के बाद भी धमकियों से डरे हुए शिक्षक विद्यालय से बाहर नहीं निकले। उन्होंने एसएमसी सदस्यों को कॉल कर बुलाया। बाद में अन्य ग्रामीणों ने सहयोग कर शिक्षकों को विद्यालय से बाहर निकला, लेकिन जान से मारने की धमकी के बाद शिक्षक विद्यालय जाने से कतराने लगे हैं। ग्रामीणों ने विद्यालय स्टाफ को पूरा सहयोग करने की बात कही।