Mystery Of Missing:उस घर का दरवाजा हल्का खुला था। सुबह घर से महिला गायब थी। घर के पास घसीटने के निशान और जगह-जगह खून के धब्बे तमाम रहस्य छोड़ रहे थे। जांच टीमों को पास से ही महिला का दुपट्टा, झुमके और टूटी हुई चूड़ियां भी मिली। कोशिशों के बाद भी ग्रामीण और प्रशासन की टीमें लापता महिला का सुराग नहीं लगा पाई। उसकी गुमशुदगी कई रहस्य छोड़ गई है। लोग अनहोनी की आशंका भी जता रहे हैं।
Mystery Of Missing:आंधी रात के अंधेरे में जंगल पास के जंगल से अजीब सी आवाजें सिहरन पैदा कर रही थीं। सामने वाले एक घर का आधा दरवाजा हल्का खुला हुआ था। ये घटना उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली के ग्राम पंचायत त्रिकोट की है। यहां शनिवार मध्यरात्रि से 32 साल की हेमा देवी नाम की एक आशा कार्यकत्री रहस्यमय हालात में लापता चल रही है। परिजनों ने ग्वालदम चौकी पुलिस को बताया कि हेमा देवी पत्नी भुवन चंद्र गुसाईं सुबह अपने कमरे में नहीं मिलीं। बच्चे जब चाय देने पहुंचे तो कमरे का दरवाजा आधा खुला था और बाहर कुछ दूरी तक खून के धब्बे और घसीटने जैसे निशान मिले। रास्ते में जगह-जगह टूटी चूड़ियां, झुमके आदि भी मिले। एक-दो स्थानों पर हेमा के कपड़ों की कतरनें और दुपट्टा भी मिला था। सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी। टीमों ने आसपास के क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन हेमा का सुराग नहीं लग पाया। वन विभाग के रेंजर मनोज देवड़ी के मुताबिक कुछ दूरी तक घसीटने के निशान मिले हैं, लेकिन उसके बाद कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला। टीम लगातार तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक महिला का मोबाइल घर के भीतर ही मिला है। हेमा देवी अपनी सास और दो छोटे बच्चों के साथ रहती थीं।
थराली में महिला के घर से गायब होने के बाद से तमाम अटकलें चल रही हैं। प्रथमदृष्टया ये अनुमान लगाया जा रहा है कि हेमा देवी को तेंदुआ या कोई अन्य वन्यजीव उठा ले गया होगा। पुलिस प्रशासन और वन विभाग भी इसी एंगल से मामले की जांच कर रहा है। रास्ते में पड़े खून के धब्बे और घसीटने के निशान भी कुछ इसी ओर इशारा कर रहे हैं। परिजन हेमा की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं। साथ ही अनहोनी की आशंका भी उन्हें भीतर से चोट पहुंचा रही है।
उत्तराखंड में गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी रेंज के गजल्ड गांव में तेंदुए की दहशत व्याप्त है। यहां पर एक तेंदुआ दिन दहाड़े एक व्यक्ति का शिकार कर चुका है। उस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे। ग्रामीणों ने डीएम और विधायक का घेराव करते हुए वन कर्मियों को बंधक बना लिया था। उसके बाद विभाग ने तेंदुए को आदमखोर घोषित करते हुए उसे गोली मारने के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन अब तक तेंदुआ ढेर नहीं हो पाया है। उसके बाद से इस गांव और आसपास के इलाकों में तेंदुए की मूवमेंट कई बार देखी जा चुकी है। इससे लोग खौफजदा हैं। वन विभाग ने गुलदार को नरभक्षी घोषित कर शूटर तैनात किए, लेकिन अभी तक उसे पकड़ने या मारने में सफलता नहीं मिली है। गजल्ड, ढांढरी और कोटी में वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।