देहरादून

कड़ाके की ठंड होगी शुरू : अगले दो-तीन दिन के भीतर न्यूनतम तापमान 2 डिग्री तक गिरने का अलर्ट

Weather Alert:आईएमडी ने अगले दो-तीन दिन के भीतर न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की और गिरावट आने का पूर्वानुमान जारी किया है। इससे उत्तराखंड में ठंड में बढ़ोत्तरी की संभावना है। इधर, राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सफेद पाले की मार से फसलों को नुकसान होने लगा है। जल्द ही पूरे राज्य में कड़ाके की ठंड शुरू होने की संभावना है।

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Nov 13, 2025
उत्तराखंड में अगले दो-तीन दिन के भीतर न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री तक गिरावट आने की संभावना है

Weather Alert:मौसम ठंड के हिसाब से आने वाले दिनों में उग्र रूप दिखा सकता है। आईएमडी के मुताबिक अगले दो-तीन दिन के भीतर उत्तराखंड में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आ सकती है। इससे राज्य में भीषण ठंड शुरू होने के आसार हैं। पिछले कई दिनों से राज्य में मौसम शुष्क बना हुआ है। दिन के समय पहाड़ों में गुनगुनी धूप खिलने से लोगों को राहत मिल रही है। लोग घरों के आंगन और छतों पर बैठकर धूप का आनंद उठा रहे हैं। सुबह और शाम पर्वतीय इलाकों में भीषण ठंड पड़ रही है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पर्वतीय इलाकों में सुबह के समय अब जमकर पाला गिरने लगा है। सुबह खेत-खलिहान पाले की सफेद चादर ओढ़े नजर आ रहे हैं। सुबह के समय पाले के कारण पहाड़ों में गलन का एहसास हो रहा है। वहीं दूसरी ओर राज्य के मैदानी इलाकों में भी अब ठंड दस्तक देने लगी है।

4.3 डिग्री पहुंचा मुक्तेश्वर का तापमान

उत्तराखंड में कड़ाके की ठंड शुरू हो चुकी है। मुक्तेश्वर, मुनस्यारी, जागेश्वर, रानीखेत और नैनीताल आदि पर्यटक स्थलों पर पारा तेजी से गिर रहा है। आज मुक्तेश्वर का न्यूनतम तापमान 4.3 डिग्री दर्ज किया गया है। इधर, राजधानी देहरादून का न्यूनतम तापमान, 10 डिग्री, पंतनगर का 7.4डिग्री जबकि टिहरी का न्यूनतम तापमान 5.2डिग्री दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में पर्वतीय इलाकों में पारा तेजी से गिरने की संभावना है।

पाला बढ़ाएगा दुश्वारियां

उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में अब सुबह के समय जमकर पाला गिरने लगा है। इससे फसलों, सब्जियों और फूलों की खेती को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। इससे काश्तकार परेशान हैं। आने वाले दिनों में पाले की मार और बढ़ने की संभावना है। उसके बाद पर्वतीय इलाकों में पालाग्रस्त सड़कें हादसो का सबब बन सकती हैं। हर साल जाड़ों के सीजन में पालाग्रस्त सड़कों पर हादसे होते हैं। ठंड बढ़ने के साथ ही आने वाले दिनों में पहाड़ में नलों में पानी भी जमने लगेगा। इससे सुबह के समय पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।

Updated on:
13 Nov 2025 04:32 pm
Published on:
13 Nov 2025 04:25 pm
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