देवरिया जिले में एक महिला को दारोगा की वर्दी पहने हुए घूमते हुए पकड़ा गया। महिला ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया किया है।
बिहार में फर्जी आईपीएस अधिकारी के पकड़े जाने के बाद, खामपार थाना क्षेत्र में एक महिला को दारोगा की वर्दी पहनकर घूमते हुए देखा गया। पुलिस ने पूरी रात फर्जी दारोगा से पूछताछ की और फिर उसे थाने से जमानत पर छोड़ दिया। मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पूछताछ करने पर महिला ने बताया कि वह लखनऊ में रहती है और बच्चों को पढ़ाती है। उसे अपने गांव में वर्दी पहनकर जाने का शौक था इसलिए उसने यह वर्दी खरीदी और छठ पूजा के दिन अपने घर जाने के लिए ट्रेन से यात्रा शुरू कर दी। अब पुलिस ने महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जमानत मुचलके पर छोड़ दिया है।
जब फर्जी दारोगा भाटपाररानी में ट्रेन से उतरी, तो अपने पति को फोन कर बुलाया। इसके बाद वह बाइक पर सवार होकर अपने गांव की ओर बढ़ रही थी। इसी दौरान थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी की नजर महिला पर पड़ी जो दारोगा की वर्दी में थी और यह संदिग्ध लगी। पुलिस ने बाइक रोककर महिला और उसके पति से पूछताछ की तो महिला थोड़ी घबराई हुई दिखाई दी जिससे पुलिस को संदेह हुआ। महिला ने बताया कि उसने शौकिया तौर पर यह वर्दी पहनी थी और वह लखनऊ से इसे खरीद कर गांव आ रही थी।
थानाध्यक्ष महेंद्र चतुर्वेदी के अनुसार, महिला ने सिर्फ शौक के तौर पर यह वर्दी पहनी थी। इसके बाद उसके खिलाफ बीएनएस धारा 205 के तहत मामला दर्ज किया गया और जमानत मुचलके पर उसे छोड़ दिया गया। महिला का मायका बिहार के सिवान जिले के लद्दी सरहरी गांव में है।