UP Brahmin MLAs 2nd Meeting: क्या यूपी में जनवरी में ब्राह्मण विधायकों की दूसरी बैठक होने वाली है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा है, चो चलिए जानते हैं सच्चाई।
UP Politics: यूपी की राजनीति में इस वक्त BJP ब्राह्मण विधायकों की बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है। शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन कुशीनगर के विधायक पंचानंद पाठक (पीएन पाठक) के लखनऊ आवास पर हुई बैठक ने राजनीतिक गलियारों में BJP की अंदरूनी कलह को लेकर चर्चा छेड़ दी। इस बैठक के बाद पूरे प्रदेश में 'ब्राह्मण बनाम राजपूत' की बहस ने तुल पकड़ लिया। वहीं सोशल मीडिया पर इस समय ब्राह्मण विधायकों की अगली बैठक को लेकर कई सारे पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण विधायकों की अगली बैठक देवरिया के विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के घर जनवरी के पहले सप्ताह मे होने वाली है। इन पोस्टों में यह भी दावा किया जा रहा है कि दूसरी बैठक में न सिर्फ BJP बल्कि सभी पार्टियों के ब्राह्मण सांसदों और विधायकों का जमावड़ा लगने वाला है।
वायरल पोस्ट की पुष्टि करने के लिए जब Rajasthan Patrika की टीम ने विधायक शलभ मणि त्रिपाठी को फोन किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया, जिसके बाद उनके पीए के साथ संपर्क साधने की कोशिश की गई। विधायक शलभ मणि त्रिपाठी के पीए ने फोन उठाया। फोन पर उनसे विधायक शलभ मणि बात कराने की बात कही गई, लेकिन विधायक शलभ मणि कहीं व्यस्त थे। उनके पीए से ही अगली बैठक को लेकर सवाल किए गए, तो उन्होंने कहा कि 'ऐसी कोई भी बैठक होने की हमारे पास सूचना नहीं है और ऐसी कोई बात होगी, तो हम विधायक जी से बात करके आपको बताएंगे'। पीए से हुई बात के बाद यह स्पष्ट हो गया कि सोशल मीडिया पर जो भी खबर चल रही है, वो पूरी तरह गलत है।
पिछले विधानमंडल के मानसून सत्र में ठाकुर विधायकों द्वारा ‘कुटुंब परिवार’ नाम से बैठक का आयोजन किया गया था। इस बार शीतकालीन सत्र में 'ब्राह्मण विधायकों' की बैठक हुई है। बैठक की तस्वीरें वायरल होते ही, दोनों बैठकों जोड़ते हुए यह कहा गया कि BJP में 'राजपूत बनाम ब्राह्मण' चल रहा है। कहा गया कि 'ब्राह्मण विधायकों' की यह बैठक 'ठाकुर विधायकों' की बैठक जवाब था। विपक्ष इसका मुद्दा उठाकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है। 'ब्राह्मण विधायकों' की इस बैठक को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासन और अधिकारी इन विधायकों की नहीं सुनते और सरकार में ब्राह्मण का अनादर हो रहा है। वहीं इस मुद्दे को हवा देने का काम BJP के नए अध्यक्ष पंकज चौधरी के बयान ने कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा ऐसा किया गया, तो उसे अनुशासनहीनता माना जाएगा।