बिहार में सरकारी स्कूल की शिक्षिका खुशबू मिश्रा ट्रेन में बिना टिकट यात्रा कर रहीं थी। इस दौरान उनका टीईटी से टिकट को लेकर विवाद हुआ। खूशबु मिश्रा बिहार से देवरिया जा रहीं थी। विवाद के बाद उन्होंने परिजनों को स्टेशन पर बुला लिया और टीईटी से उलझती दिखीं।
देवरिया : बिहार में सरकारी स्कूल की शिक्षिका खुशबू मिश्रा ने ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करने पर टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) को न सिर्फ धमकी दी, बल्कि सिर काटने जैसी खौफनाक बातें भी कही। वायरल वीडियो में युवती के रिश्तेदारों के साथ टीटीई पर हमले की कोशिश दिखाई दे रही है, लेकिन पुलिस ने केवल 990 रुपये का चालान काटकर मामले को रफा-दफा कर दिया। टीटीई एसोसिएशन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना रांची-गोरखपुर एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 18629) में सिवान स्टेशन से देवरिया के बीच घटी। खुशबू मिश्रा, जो बिहार के सिवान जिले में सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं, थर्ड एसी कोच में बिना टिकट सफर कर रही थीं। टीटीई ने टिकट चेकिंग के दौरान आईडी कार्ड मांगा, तो बहस शुरू हो गई। वीडियो में टीटीई युवती को सरकारी शिक्षिका बताते हुए कहते सुनाई देते हैं, 'यह सरकारी टीचर है और अक्सर बिना टिकट चलती है।' युवती ने फोन पर किसी को कॉल किया और देवरिया स्टेशन पहुंचते ही उसके पिता व अन्य रिश्तेदार मौके पर पहुंच गए।
देवरिया स्टेशन पर हंगामा मच गया। वीडियो फुटेज में युवती के पिता के नेतृत्व में रिश्तेदार टीटीई को घेरते नजर आते हैं। ट्रेन के गेट पर धक्का-मुक्की होती है और युवती चिल्लाती है, 'अबकी धरा गइल तब मुड़ी काट देब'। भीड़ ने ट्रेन चलते समय टीटीई को खींचकर उतारने की कोशिश करती है, लेकिन टीटीई किसी तरह बच निकला। आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) की मौजूदगी में यह सब होता है, फिर भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
आरपीएफ देवरिया ने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण देते हुए बताया कि खुशबू मिश्रा को देवरिया उतारकर ईएफटी नंबर D-245730 के तहत 990 रुपये का चालान किया गया। हालांकि, युवती और उसके परिवार ने टीटीई पर नया आरोप लगाया कि उन्होंने टिकट फाड़ दी, लेकिन वीडियो में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला।
भारतीय रेल टिकट चेकिंग स्टाफ ऑर्गेनाइजेशन (IRTCSO) ने 4 अक्टूबर को ही वीडियो शेयर कर घटना का खुलासा किया था। एसोसिएशन ने ट्वीट में कहा, 'रेलवे परिसर में आरपीएफ के सामने बाहरी लोगों द्वारा रेल कर्मचारी से दुर्व्यवहार और स्टेशन पर उपद्रव करने को लेकर उचित कार्रवाई क्यों नहीं हुई?' अंबाला डिवीजन यूनिट ने तो सीधे सवाल उठाया, 'जब टीटीई ने मेमो दिया तो क्या ऐसे यात्री की सिर्फ टिकट ही बनानी थी? आरपीएफ को सख्त कार्रवाई करते हुए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करना चाहिए था। जो बाहरी व्यक्ति धमकी दे रहा है, उसे सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में बंद क्यों नहीं किया?'
सोशल मीडिया पर भी टीटीई की तारीफ हो रही है। एक यूजर ने लिखा, 'अगर टीटीई ने वीडियो न बनाया होता तो युवती दूसरे आरोप मढ़ सकती थी।' कई पोस्ट्स में सरकारी शिक्षिका द्वारा नियम तोड़ने पर सवाल उठाए गए हैं।