mp news: शराब ठेकेदार ने मरने से पहले वीडियो बनाकर सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित पर लगाए थे हर महीने 7.50 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप, हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की ।
mp news: मध्यप्रदेश के देवास में शराब ठेकेदार के सुसाइड केस में निलंबित हुईं सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने मंदाकिनी दीक्षित की याचिका को खारिज कर दिया है। मंदाकिनी दीक्षित ने अपने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि मंदाकिनी दीक्षित की ओर से लगाई गई याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
निलंबित सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित ने अपने निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि शासन ने उनका पक्ष सुने बिना ही उन्हें निलंबित कर दिया है जो कि नियमों के विरुद्ध है। इस याचिका को कोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया है कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और निलंबित अधिकारी को अपनी बात राज्यपाल के समक्ष रखनी चाहिए। बता दें कि शराब ठेकेदार के द्वारा सुसाइड करने के बाद सीएम मोहन यादव ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे।
पिछले 8 नवंबर को देवास जिले के शराब ठेकेदार दिनेश मकवाना ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। ठेकेदार दिनेश मकवाना ने सुसाइड करने से पहले एक वीडियो भी बनाया था जिसमें वो कह रहा था- मैं दिनेश मकवाना देवास जिले में शराब ठेके चलाता हूं। चापड़ा, करनावद, डबलचौकी में 14 करोड़ का काम है। यहां पर मैडम है मंदाकिनी दीक्षित, ये मुझसे पैसों की डिमांड करती हैं। इनको एक दुकान से 1.50 लाख रुपए महीना चाहिए। पांच दुकान हैं मेरे पास, उसके 7.50 लाख रुपए इनको चाहिए। अभी तक मैं 20-22 लाख रुपए इन्हें दे चुका हूं। मैंने बोला मैडम अभी घाटा हो रहा है। दशहरे के बाद बिक्री बढ़ जाएगी तो मैं पेमेंट दे दूंगा, तो मैडम माल पर रोक लगवा देती है। माल नहीं देने देती है। आज भी मेरा इश्यू था तो मना कर दिया कि माल मत देना जब तक पेमेंट नहीं आए। रोज इनका यही रहता है। इस कारण मैं इनसे त्रस्त होकर आत्महत्या कर रहा हूं।