धमतरी

डिजिटल सर्वे से बढ़ेगी निगम की आय, 1500 से अधिक मकान आए संपत्तिकर के दायरे में, अंतिम चरण का कार्य जारी

Dhamtari News: नगर निगम प्रशासन की ओर से संपत्तिकर में बढ़ोतरी करने समेत टैक्स वसूली और अन्य कार्याें को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शहर में जीआईएस सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है।

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Nov 06, 2025
संपत्ति कर (Photo Patrika)

Chhattisgarh News: नगर निगम प्रशासन की ओर से संपत्तिकर में बढ़ोतरी करने समेत टैक्स वसूली और अन्य कार्याें को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शहर में जीआईएस सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण मेें डोर-टू-डोर सर्वे का भी काम पूरा हो चुका है। शहर के 40 वार्डाें में करीब 1500 से अधिक मकान संपत्तिकर के दायरे में आ सकते हैं। दूसरे चरण में संपत्ति के रिकार्ड से मिलान कराने के लिए वास्तविक डाटा मिल सकेगा। इससे निगम के आय में वृद्धि होगी। इसके लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी गई है।

संपत्तिकर के दायरे में आने के बाद भी कुछ मकान मालिक पुराने रिकार्ड के आधार पर ही निगम प्रशासन को टैक्स का भुगतान कर रहे हैं। इससे निगम प्रशासन को राजस्व की क्षति हो रही है। कई बार प्रयास करने के बाद भी निगम प्रशासन इसे दुरूस्त करने में असफल साबित रहा है। ऐसे में प्रदेश शासन ने वर्ल्ड बैंक परियोजना के अंतर्गत सपंत्ति सर्वे करने, जीआईएस मैप तैयार करने एवं डिजिटल डोर नंबर के संबंध में निगम प्रशासन को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया था।

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इस परियोजना के तहत शासन ने मेसर्स सीई इंफो सिस्टम लिमिटेड नई दिल्ली (सोर्सियम मेसर्स टेक्जा साटवेयर टेक्नालाजी प्राइवेट लिमिटेड) से अनुबंध कर शहर के सभी 40 वार्डों में ड्रोन सर्वे कराया था। एजेंसी के माध्यम से डोर-टू-डोर सर्वे कर इसका मिलान भी किया गया। सर्वे के दौरान कच्चा मकान, पक्का मकान और खाली प्लाट एक एरिया समेत जमीन किस व्यक्ति के नाम से हैं। वर्तमान में कितना संपत्तिकर जमा कर रहे हैं। आदि की जानकारी ली गई थी। इसकी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी गई है।

यह मिलेगा फायदा

उपायुक्त पीसी सार्वा ने बताया कि नक्शा परियोजना के तहत धमतरी नगरीय क्षेत्र में भूमि के रिकॉर्ड ऑनलाईन हो जाने से भविष्य में शहर के विकास के लिए योजनाएं बनाने में सहायता मिलेगी। पुराने और अधूरे रिकॉर्डों में सुधार होकर सरकारी दस्तावेजों और वास्तविक स्वामित्व में भी सुधार होगा।

अतिक्रमण एवं वास्तविक भू-स्वामियों के बीच विवाद होने पर पूरी तरह सही और पारदर्शी अभिलेख ऑनलाईन पोर्टल पर सभी की पहुंच में रहेंगे। इससे स्वामित्व विवादों को निपटाने में तेजी आएगी। इसके साथ ही शहर की भूमि और संपत्तियों का सटिक रिकॉर्ड होने से आपदा प्रबंधन, शहरी भू-प्रबंधन और कई प्रकार के कर निर्धारणों में भी आसानी होगी।

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Published on:
06 Nov 2025 10:26 am
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