DJ Ban: गणेश उत्सव के बाद अब नवरात्री में बजने वाले डीजे के शोर पर प्रशासन की सख्ती बढ़ गई है। हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाकर प्रशासन ने गरबा में शोर शराबे पर रोक के लिए कड़े फैसले लिए हैं। इस फैसले से लोगों में खलबली मच गई है।
DJ Ban In CG: नवरात्र में गरबा उत्सव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। शहर में अलग-अलग संगठनों द्वारा गरबा नृत्य के लिए आवश्यक तैयारी भी की जा रही है, लेकिन डीजे और संगीत के बिना गरबा नृत्य करना मुश्किल है। डीजे बजाना, नहीं बजाने को लेकर अभी भी मामला स्पष्ट नहीं है। गणेश सीजन में डीजे बजाने के लिए परमिशन नहीं दिया गया। अब नवरात्र में ही इसे लेकर संशय है।
इधर शासन ने निर्धारित डेसीबल डीजे बजाने तथा नियमों का पालन करने का निर्देश जारी किया है। ऐसे में गरबा नृत्य का आयोजन करने वाले संगठन पशोपेश में है। इधर प्रशासन का कहना है कि डीजे बजाने को लेकर न्यायालय से स्पष्ट आदेश जारी किया गया है, जिसका पालन कराने की जिमेदारी कलेक्टर और एसपी को सौंपी गई है। अब ऐसी जानकारी मिल रही है कि गरबा महोत्सव में निर्धारित (DJ Ban In CG) डेसीबल पर डीजे बजाया जा सकता है। ऐसे में प्रशासन के दोहरे मापदंड को लेकर दुर्र्गोत्सव समिति के सदस्यों में आक्रोश पनपने लगा है।
दुर्गोंत्सव समिति से जुड़े घनाराम सोनी, ओंकार निषाद का कहना है कि संगीत के बिना दुर्गोत्सव पर्व अधूरा है। गणेशोत्सव पर्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश के ही अन्य जिलों में डीजे बजने के साथ ही गणोशोत्सव झांकी धूमधाम से निकाली गई। धमतरी में नियमों का हवाला देकर रोक लगाई गई। उन्होंने कहा कि नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। पारंपरिक गढ़वा बाजा और जसगीतों के माध्यम से पर्व की खूबसूरती कायम रखेंगे।
संगीत के बिना गरबा महोत्सव अधूरा है। प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा। इसके लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन कर नियमों की जानकारी मांगी गई है। गरबा महोत्सव (DJ Ban In Navratri) उत्साह के साथ मनाएंगे। डॉ सरिता दोशी, अध्यक्ष ढोल बाजे गरबा महोत्सव
डीजे बजाने को लेकर आर्डर मिल रहे हैं। गरबा में निर्धारित मापदंडो का पालन करते हुए डीजे बजाया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर अभी स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका है। पिछली बार आर्डर कैंसल होने से प्रत्येक डीजे संचालकों को लाखों का नुकसान हुआ है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल हो रहा है।