
Navratri 2024: इस साल शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 3 अक्टूबर से हो रहा है । 11 अक्टूबर को महानवमी का पर्व मनाया जाएगा। 12 अक्टूबर को दशहरा मनाकर मां दुर्गा का विसर्जन होगा। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा और उपासना की जाती है, जो भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रही हैं, जो धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ नहीं माना जा रहा है। हालांकि, मां की आराधना से सारे मनोरथ पूर्ण होंगे।
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा का पालकी पर आगमन देश और दुनिया के लिए चिंता का विषय हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट, महामारी के फैलने का डर और अप्राकृतिक घटनाओं की संभावना अधिक रहती है। साथ ही, देश और विदेशों में हिंसा और स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो सकती है। इस बार के नवरात्रि में माता रानी की विशेष कृपा पाने के लिए भक्तों को विशेष रूप से पूजा-पाठ और नियमों का पालन करना चाहिए।
महामाया मंदिर, रतनपुर 25000
तिफरा काली मंदिर 3000
मरहीमाता मंदिर 200
जरहाभाठा दुर्गा मंदिर 120
मरीमाई मंदिर रेलवे 105
कुदुदंड काली मंदिर 101
हरदेव लाल मंदिर 101
दुर्गा मंदिर पुलिस लाइन 51
सतबहिनिया मंदिर 51
दुर्गा मंदिर जवाली पुल 21
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो प्रमुख मुहूर्त हैं-
प्रात: काल: सुबह 6:19 बजे से 7:23 बजे तक
दोपहर काल: 11:46 बजे से 12:33 बजे तक
● एक मिट्टी के पात्र में थोड़ी मिट्टी डालें और उसमें जौ के बीज मिलाएं।
● तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और मौली बांधें।
● लोटे में जल भरें और उसमें गंगाजल मिलाएं।
● लोटे के ऊपर दूब, अक्षत, सुपारी और कुछ पैसे रखें।
● आम या अशोक की पत्तियां कलश के ऊपर रखें।
● एक नारियल को लाल चुनरी से लपेटकर मौली बांधें और इसे कलश के बीच में स्थापित करें।
● कलश स्थापना के दौरान मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, ताकि देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषि स्वामी इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसी दिन से नवरात्रि पर्व में शक्ति स्वरूपा की आराधना के लिए विशेष माना गया है। इस शुभ संयोग में किया गया कार्य सुख-समृद्धि का संयोग बना रहा है। आश्रम के राजराजेश्वरी (Shardiya Navratri 2024) का नौ दिनों तक विशेष रूप से कमल पुष्प अर्चन कर आराधना की जाएगी। दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को मनेगा। आश्रम के मंदिर में 1100 मनोकामना ज्योति जलेगी।
Published on:
27 Sept 2024 06:06 pm
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