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Navratri 2024: पालकी पर सवार होकर आ रही हैं मां दुर्गा, दो दिन की पंचमी, बन रहे ये 8 शुभ योग

Navratri 2024: नवरात्र की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि और ऐंद्र योग में होगी, एक तिथि बढ़ने के बावजूद 3 से 12 अक्टूबर 9 दिन के ही नवरात्रि, फिर सर्वार्थ सिद्धि योग में ही दशहरा मनाया जाएगा...

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Navratri 2024

Navratri 2024: नवरात्र का पर्व इस साल 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। इसे लेकर शहर की अधिष्ठात्री देवी विंध्यवासिनी माता मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्र की तैयारी शुरू हो गई है।

ज्योतिषाचार्योें की मानें तो नवरात्र प्रतिपदा सर्वार्थ सिद्धि योग और ऐंद्र योग से शुरू हो रही है। नवरात्र का प्रारंभ गुरूवार से हो रहा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरूवार और शुक्रवार के दिन से नवरात्र प्रारंभ होता है तो माता दुर्गा पालकी में सवार होकर आती है। इस लिहाज से आर्थिक क्षेत्र में उन्नति होगी, उद्योग, व्यापार का विकास होगा, किसानों की आय बढ़ेगी और फसलों का उत्पादन प्रचुर मात्रा में होगा। इस बार तिथि भेद के चलते नवरात्र में पंचमी तिथि दो दिन विद्यमान रहेेगी। जबकि अष्टमी और नवमीं तिथि एक साथ मनाया जाएगा। इस तरह नवरात्र पूरे नौ दिनों का होगा।

पालकी में होगा माता रानी का आगमन

इधर नवरात्र पर्व को अब सिर्फ 7 दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में नगर पंचायत आमदी समेत कोष्टापारा के कुहार परिवार मां दुर्गा की प्रतिमा को आकार देने में जुट गए हैं। कुहार पारा के मूर्तिकार प्रहलाद कुंभकार, इंद्रकुमार कुंभकार, शंकर कुंभकार ने बताया कि बदलते समय के साथ भक्तों की च्वाइस भी बदल (Navratri 2024) रही है। इस बार मां दुर्गा की ट्रेडिशनल प्रतिमा बनाने के आर्डर मिले हैं।

शेर पर सवार, शेष नाग की शैय्या में मां दुर्गा और माता दुर्गा के सौय स्वरूप को मिट्टी से आकार दिया जा रहा है। उनके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी प्रतिमाओं को आकार देने में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोष्टापारा में 100 कुहार परिवार निवासरत है। लगभग सभी के घर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जा रही है। इसके अलावा अलग-अलग स्थानों पर मूर्तिकार देवी मां की प्रतिमा तैयार करने में जुटे हैं।

नवरात्र के सभी दिन शुभ माने गए हैं, ऐसे में ग्रह नक्षत्रों के मेल से भी कई संयोग बन रहे हैं, जो इसे और अधिक शुभता प्रदान करेंगे। इस बार तिथि आगे पीछे होने के कारण पंचमी दो दिन रहेगी, जबकि अष्टमी, नवमी एकसाथ रहेगी।

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Navratri 2024: दीपावली की तैयारी भी शुरू

मूर्तिकार गगन कुंभकार, सूरज कुंभकार, नीतेश कुंभकार ने बताया कि भगवान गणेश की प्रतिमा को आर्डर के बिना ही बना देते हैं, लेकिन मां दुर्गा की छोटी प्रतिमाएं आर्डर मिलने पर बनाई जाती है। दुर्गा प्रतिमा बनाने के साथ ही खप्पर, दीए और मिट्टी से बने बर्तन भी तैयार किए जा रहे हैं। दीपावली की तैयारी भी अभी से शुरू कर दी गई है। जगह-जगह प्रतिमा बनने से अब कुहारों को सीजन के हिसाब से काम नहीं मिल रहा है। बहरहाल नवरात्र पर्व में कुहार पारा में मेला जैसा माहौल रहता है।

सभाकक्ष में दुर्गोेत्सव समितियों की हुई बैठक

बुधवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दुर्गोंत्सव समितियों की ंबैठक हुई, जिसमेें में कलेक्टर, एसपी ने समितियों के पदाधिकारियों को डीजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से अवगत कराया। इधर दुर्गोत्सव समिति के सदस्य उनकी बातों से सहमत नहीं हुए। उन्होंने अपनी बात रखनी चाही, लेकिन 10 मिनट के भीतर ही बैठक समाप्त कर दी गई। समिति सदस्यों का कहना था कि वे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में वे कलेक्टर का (Navratri 2024) एक घंटा से इंतजार कर रहे थे। बैठक शुरू हुई, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। दुर्गोत्सव समिति के सदस्य जल्द बड़ी बैठक रखेंगे।

Shardiya Navratri 2024: सुख-समृद्धि का संयोग

शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषि स्वामी इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसी दिन से नवरात्रि पर्व में शक्ति स्वरूपा की आराधना के लिए विशेष माना गया है। इस शुभ संयोग में किया गया कार्य सुख-समृद्धि का संयोग बना रहा है। आश्रम के राजराजेश्वरी (Shardiya Navratri 2024) का नौ दिनों तक विशेष रूप से कमल पुष्प अर्चन कर आराधना की जाएगी। दशहरा पर्व 12 अक्टूबर को मनेगा। आश्रम के मंदिर में 1100 मनोकामना ज्योति जलेगी।