Rath Yatra 2024: धमतरी शहर में आजादी के 39 साल पहले यानी 116 साल से रथयात्रा महोत्सव मनाया जा रहा है। 1908 में बैलगाड़ी से रथयात्रा निकालने की शुरूवात हुई थी।
Rath Yatra 2024:धमतरी शहर में आजादी के 39 साल पहले यानी 116 साल से रथयात्रा महोत्सव मनाया जा रहा है। 1908 में बैलगाड़ी से रथयात्रा निकालने की शुरूवात हुई थी। इस समय रामबाग तक भगवान को भ्रमण कराकर वापस जगदीश मंदिर में विश्राम देते थे। रथयात्रा शुरू से धमतरी का सबसे बड़ा धार्मिक पर्व रहा है। धमतरी ही नहीं हजारों गांव की श्रद्धा और आस्था इस रथयात्रा से जुड़ी हुई है। उनेक बेटियां शादी के बाद भी इस रथयात्रा महोत्सव में शामिल होने धमतरी पहुंचती हैं।
जगदीश मंदिर ट्रस्ट और भक्तों की आस्था स्वरूप 1965 में पहला रथ बनवाया गया। इसकी ऊंचाई लगभग 18 से 20 फीट थी। धीरे-धीरे यह रथ भी कमजोर पड़ा तब 1918 में एक और मजबूत रथ का निर्माण हुआ। इसकी ऊं चाई भी बढ़ाई गई। ऊंचाई लगभग 22 फीट है। शहर के एक जगन्नाथ भक्त ने इस रथ का निर्माण कराया है।
जगदीश मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष किरण कुमार गांधी व पूर्व अध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि धमतरी का रथयात्रा ऐतिहासिक रहा है। छत्तीसगढ़ के कई जिलों से रथयात्रा निकलती है। धमतरी का रथ सबसे बड़ा व आकर्षक है। 1918 में बने रथ का निर्माण धमतरी के लोकल कारीगरों ने बनाया है, लेकिन ओडिसा पुरी के कलाकारों से सलाह लिया गया था। रथ इतना मजबूत है कि तीनों भगवानों के साथ रथ में 10 से अधिक लोग सवार रहते है।
स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ का औषधीय काढ़े से उपचार चल रहा है। भक्तों को भी यह काढ़ा दिया जाता है। मंगलवार से काढ़ा वितरण शुरू हुआ। सुबह 7.30 बजे से काढ़ा वितरण शुरू होता है। भक्त लाइन लगाकर यह औषधि प्राप्त करते हैं। 2 से 5 जुलाई तक मंदिर में नियमित रूप से काढ़ा वितरण किया जाएगा। 6 जुलाई को नेत्रोत्सव कार्यक्रम होगा। भक्तों को इसी दिन प्रभु के दर्शन होंगे। सुबह मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के बाद हवन कार्यक्रम होंगे। 7 जुलाई को भव्य रथयात्रा निकलेगी।