धुरंदर मूवी के अक्षय खन्ना का वास्तु शांति हवन का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इस लेख में समझिए वास्तु शांति हवन क्या होता है और इसके क्या फायदे होते हैं।
Akshay Khanna Vastu Shanti Hawan: अक्षय खन्ना की फिल्म धुरंदर की कामयाबी के बाद उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें उन्हें पूजा और हवन करते हुए देखा जा सकता है। दरअसल, अक्षय खन्ना ने वास्तु शांति पूजन कराया है। इस हवन के कई फायदे हैं, जिससे जीवन पटरी पर आ सकता है। इस लेख में हम आपको वास्तु शांति हवन कैसे करें और इसे करने से क्या लाभ होते हैं…ये बताने वाले हैं।
उजजैन के पंडित निलेश शांडिल्य के अनुसार, वास्तु शांति हवन एक पवित्र अनुष्ठान है। इसे घर या कार्यस्थल में शांति, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। वास्तु शांति हवन वैसे तो तब किया जाता है, जब नए घर में प्रवेश हो। साथ ही, जब किसी जगह की ऊर्जा असंतुलित (Energy Disbalance) लगती है, तब इसे करना पॉजिटिव रिजल्ट देता है। इस हवन को जहां भी किया जाता है, वहां के वातावरण को नेचर और ब्रह्मांडीय शक्तियों को ये बैलेंस कर देता है। इससे सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक कल्याण की प्राप्ति होती है।
वास्तु हवन के लिए सबसे पहले, हवन वेदी की स्थापना की जाती है। फिर, चारों दिशाओं में 32 देवता और मध्य में 13 देवता स्थापित किए जाते है। मंत्रोच्चरण से सभी देवताओं का आह्वान किया जाता है। इसके बाद आठों दिशाओं, पृथ्वी व आकाश की पूजा की जाती है। हवन वेदी पर हवन कुंड रखकर अग्नि की स्थापना की जाती है।
वास्तु शांति पूजा शुक्ल पक्ष की कुछ विशेष तिथियों में करना चाहिए। इनमें द्वितीया तृतीया पंचमी सप्तमी दशमी एकादशी द्वादशी और त्रयोदशी शामिल हैं. इन तिथियों को इस पावन अनुष्ठान को करने से लाभ ज्यादा मिलता है। साथ ही इच्छित फल प्राप्त होने की भी मान्यता है।
हवन आसपास की हवा को शुद्ध कर देता है। यह एक पौष्टिक और औषधीय वातावरण बनाता है। मंत्रों के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि ऊर्जा बहुत अच्छी होती है और पॉजिटिव एनर्जी का संचार करती है। अंतर्विषयी यज्ञ अनुसंधान जर्नल (Interdisciplinary Journal of Yagya Research) की रिपोर्ट में यह सिद्ध हो चुका है कि, जहां हवन किया जाता है, वहां जीवाणुओं की संख्या काफी कम हो जाती है। रिसर्च में सामने आया कि, हवन के बाद हवा में बैक्टीरिया की संख्या में 88-90% (72 घंटे तक), की परमानेंट कमी आई और पैथोजेनिक बैक्टीरिया खत्म हो गए।