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Chandra Grahan 2025: ग्रहण से पहले और बाद में नहाना क्यों जरूरी है? ज्योतिषाचार्य से जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक

Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण के दौरान और बाद में स्नान करना क्यों जरूरी है? धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक कारणों से जानें कैसे ग्रहण के बाद स्नान से शरीर और मन शुद्ध रहते हैं।

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Sep 07, 2025
Chandra Grahan 2025 (photo- chatgtp)

Chandra Grahan 2025: भारत में आज यानी 07 सितंबर 2025 की रात से 08 सितंबर की सुबह तक दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होकर सुबह 1:26 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 3 घंटे 38 मिनट है। ज्योतिष शास्त्रों में चंद्र ग्रहण के दौरान और बाद में कई नियम बताएं गए हैं, जिन्हें मानना बहुत जरूरी होता है। इनमें से एक बहुत महत्वपूर्ण नियम है, ग्रहण के बाद स्नान करना। तो आइए जानते हैं ज्योतिर्विद आचार्य ओम नारायण तिवारी से इसके बारे में।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय दो अशुभ ग्रह राहु और केतु मिलकर सूर्य या चंद्रमा को ढक लेते हैं। खासकर चंद्र ग्रहण में केतु चंद्रमा को ग्रसित करता है, जिससे नकारात्मक शक्तियों का असर बढ़ जाता है। ऐसी नकारात्मक शक्तियां शरीर में प्रवेश कर सकती हैं, इसलिए इन्हें दूर करने के लिए ग्रहण के तुरंत बाद स्नान करना जरूरी माना गया है।

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चंद्र ग्रहण के बाद नहाना क्यों जरूरी है?

शास्त्रों में कहा गया है कि ग्रहण के दौरान शरीर अशुद्ध हो जाता है। इसीलिए संतान का जन्म हो, यज्ञ हो, सूर्य या चंद्र संक्रांति हो या ग्रहण लगे, हर बार स्नान करके शुद्धता प्राप्त करनी चाहिए। ऐसा न करने पर व्यक्ति का शरीर अशुद्ध बना रहता है और शुभ कार्यों में भी भाग लेना वर्जित होता है। प्राचीन कथा के अनुसार महाभारत काल में देवी राधा, यशोदा और नंद बाबा के संग लोग ग्रहण के बाद पवित्र जल में स्नान करने कुरुक्षेत्र आते थे।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी जरूरी

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी ग्रहण के बाद स्नान करना फायदेमंद माना जाता है। ग्रहण के समय वातावरण में रोगाणुओं का प्रभाव बढ़ जाता है और चंद्रमा से निकलने वाली असामान्य किरणें सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। इसलिए ग्रहण के समय और बाद में स्नान करने से शरीर से हानिकारक तत्व निकलते हैं और स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

ग्रहण से पहले नहाने के फायदे

सिर्फ ग्रहण के बाद ही नहीं, ग्रहण से पहले स्नान करने के भी कई फायदे हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के समय पूजा, साधना और मंत्रोच्चारण करना पुण्यदायी माना गया है। इसके लिए भी स्नान करके शुद्ध होकर मन और शरीर को तैयार करना चाहिए। ऐसा करने से पूरे परिवार के लिए भी मंगलकारी प्रभाव बनता है।

इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करने की सलाह दी जाती है। इससे शरीर की अशुद्धता दूर होती है, साथ ही मानसिक रूप से भी शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। अंत में कहा जा सकता है कि ग्रहण के समय और उसके बाद स्नान करने से धार्मिक नियमों के पालन के साथ-साथ स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है। यह एक आसान लेकिन महत्वपूर्ण उपाय है, जिससे नकारात्मक प्रभाव से बचा जा सकता है।

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Published on:
07 Sept 2025 05:40 pm
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