Shivling Sthapana At Home: घर में शिवलिंग की स्थापना को लेकर लोगों के मन में अक्सर सवाल रहते हैं कि घर में शिवलिंग की स्थापना कैसे करें, घर में कैसे शिवलिंग की स्थापना करें और शिवलिंग की स्थापना किस दिन करनी चाहिए, इसके नियम क्या हैं, इन सभी सवालों का जवाब जानिए ज्योतिषी डॉ. अनीष व्यास से
Shivling Sthapana Niyam In Hindi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अच्छे कार्य यदि अच्छे समय में किया जाए तो उसकी शुभता और बढ़ जाती है। जयपुर के ज्योतिषी जो भक्त घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं, उनके लिए महाशिवरात्रि बहुत शुभ दिन है।
लेकिन अगर घर में शिवलिंग स्थापित करना चाहते हैं तो शिवलिंग का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए। बड़े शिवलिंग मंदिरों के लिए ही शुभ होते हैं। आइये जानते हैं घर में शिवलिंग स्थापना के नियम ..
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार घर के लिए छोटा से शिवलिंग की स्थापना शुभ रहता है। शिव पुराण में बताया गया है कि घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
डॉ. व्यास के अनुसार शिवलिंग के साथ ही गणेश जी, देवी पार्वती, कार्तिकेय स्वामी और नंदी की छोटी सी प्रतिमा भी रखनी चाहिए।
शिवलिंग सोना, चांदी, पीतल का या मिट्टी-पत्थर का शुभ रहता है। एल्युमीनियम, स्टील या लोहे के शिवलिंग की पूजा करने से बचना चाहिए। पूजा-पाठ के लिए ये धातु शुभ नहीं मानी जाती हैं।
स्फटिक और पारद के शिवलिंग भी घर में स्थापित कर सकते हैं। शिव परिवार की पूजा एक साथ करने से पूजा का फल जल्दी मिल सकता है।
1.शिवलिंग की स्थापना के लिए घर के उत्तरी-पूर्वी कोने (ईशान कोण) का चयन करना चाहिए।
2. घर में छोटे आकार का शिवलिंग ही स्थापित करना चाहिए, घर में हाथ के अंगूठे के पहले भाग से बड़ा शिवलिंग नहीं होना चाहिए। यह शिवलिंग लगभग 4-6 इंच का हो सकता है और बहुत अधिक 12 इंच तक के शिवलिंग की स्थापना ही घर के ईशान कोण में करनी चाहिए। इससे बड़े शिवलिंग की स्थापना मंदिर में ही रखना चाहिए।
3. शिवलिंग की स्थापना का सबसे अच्छा दिन महाशिवरात्रि होती है। इसके अलावा सोमवार को, विशेष रूप से सावन के सोमवार पर शिवलिंग स्थापना करनी चाहिए।
4. शिवलिंग की स्थापना और पूजा के समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा करने वाले व्यक्ति को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए।
5. घर में शिवलिंग की स्थापना के दौरान गंगाजल, दूध, दही, शहद, शुद्ध जल, बेलपत्र, सफेद फूल, अक्षत (चावल), चंदन, धूप, दीपक और नैवेद्य (प्रसाद) से पूजा करना चाहिए। अभिषेक के दौरान ऊं नमः शिवाय मंत्र जपते हुए बेलपत्र चढ़ाना चाहिए। साथ ही बेलपत्र को हमेशा उल्टा (छोटा डंठल ऊपर की ओर) रखकर चढ़ाएं। सफेद फूल और चंदन का लेप शिवलिंग पर लगाएं और धूप और दीप जलाकर आरती करें।