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Guru Purnima: तीन शुभ योग में मनेगी गुरु पूर्णिमा, पूजा से मिलेगा अश्वमेध यज्ञ का फल, जानें डेट, स्नान मुहूर्त और पूजा विधि

GuruPurnima: गुरु पूजा का पर्व गुरु पूर्णिमा आने वाली है, विशेष बात है कि इस साल तीन विशेष योग में गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस समय भक्त गुरु का पादुका पूजन और सामूहिक दीक्षा कार्यक्रम होगा। इसको लेकर देश भर में कार्यक्रम होंगे। आइये जानते हैं किन शुभ योग में गुरु पूर्णिमा मनेगी और इसकी डेट, स्नान दान, गुरु पूजा मुहूर्त और पूजा विधि क्या है (guru puja muhurt) ...

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Jul 12, 2024
Guru Purnima: तीन शुभ योग में मनेगी गुरु पूर्णिमा, पूजा से मिलेगा अश्वमेध यज्ञ का फल, जानें डेट, स्नान मुहूर्त और पूजा विधि

Guru Purnima: पंचाग के अनुसार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई रविवार को होगी। यह पर्व, प्रीति योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाएगा। इस दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए गुरु पूजन के कार्यक्रम होंगे। इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य का भी बड़ा महत्व है।

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गुरु पूर्णिमा का महत्व (Ashadh Purnima Mahatv)

ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और श्रीहरि विष्णु की विधिवत पूजा विष्णु सहस्त्रनाम, पुरुष सूक्त का पाठ, ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। भविष्य पुराण के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा को विधिवत शिव की पूजा-अर्चना करने से सहस्त्र अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।


ऋषि पाराशर और देवी सत्यवती के यहां पुत्र के रूप में वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था। भगवान गणेश के कहने पर उन्होंने महाभारत महाकाव्य की रचना की। इस दिन को वेद व्यास की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर जहां साईं बाबा की पालकी निकलेगी वहीं जगह-जगह चरण पादुका पूजन के साथ ही सामूहिक दीक्षा के कार्यक्रम भी होंगे।

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गुरु पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त (auspicious yogas on Guru Purnima)

सुबह का मुहूर्त: सुबह 05:16 से 07:14 बजे तक (गंगा स्नान)
दोपहर का मुहूर्त: सुबह 11:15 से 1:23 बजे तक
शाम का मुहूर्त: शाम 6:16 से 7:55 बजे तक गुरु पूजन किया जा सकता है।


प्रीति योगः पूर्णिमा से अगले दिन 22 जुलाई शाम 5.58 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योगः 21 जुलाई को सुबह 05:46 बजे से 22 जुलाई को सुबह 12:14 (रात में) बजे तक
अमृत योगः 21 जुलाई को शाम 6.40 बजे तक

गुरु पूर्णिमा पर पूजा विधि

  1. सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें, इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को साफ करें।
  2. भगवान वेद व्यास और अपने गुरु की प्रतिमा स्थापित करें और दीप प्रज्ज्वलित करें, धूप-बत्ती लगाएं।
  3. फूल, फल और मिठाई अर्पित करें और गुरु मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।
  4. गुरु पूर्णिमा के दिन दान करना भी अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। गरीबों, ब्राह्मणों या किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को दान दिया जा सकता है।

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गुरु पूर्णिमा के मौके पर भोपाल के साईं भक्त मंडल ट्रस्ट विकास नगर से जुड़े योगेश शुक्ला और कमल शर्मा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के दिन साईं बाबा मंदिर सुबह 4.30 बजे खुलेगा। इसके बाद काकड़ आरती होगी और सुबह 5.30 बजे वैदिक मंत्रों के साथ बाबा का रुद्राभिषेक प्रारंभ होगा। रुद्राभिषेक आचार्य राघव तिवारी कराएंगे। इसके बाद बाबा के भक्त सुबह 6.00 बजे से मंगल स्नान दूध, दही, घी एवं शहद से कराएंगे। आरती एवं बाबा के शृंगार के बाद छप्पन भोग के दर्शन खोल दिए जाएंगे। वहीं ऊं साईं श्रद्धा सबूरी सेवा दल समिति की ओर से साईं बाबा का पालकी चल समारोह गुरु पूर्णिमा पर निकाला जाएगा।

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Updated on:
12 Jul 2024 04:28 pm
Published on:
12 Jul 2024 04:26 pm
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