Jagannath Puri Mandir unique facts: प्राचीन कथा के अनुसार द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण ने देह त्याग दिया तो भगवान के निर्देश के अनुसार अर्जुन ने अंतिम संस्कार किया लेकिन उनका हृदय कई दिनों तक जलता रहा। इस पर अर्जुन ने उनका हृदय लकड़ियों समेत समुद्र में बहा दिया। यह दिल कई वर्षों तक समुद्र में बहता रहा और आखिर में पुरी के समुद्र तट पर पहुंचा।
यहां भगवान श्रीकृष्ण के आदेश पर मालवा देश के राजा इन्द्रद्युम्न ने जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराया। इसके बाद उस दारु ब्रह्म/ श्रीकृष्ण के हृदय से भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा, सुदर्शन चक्र का निर्माण कराया गया। इन मूर्तियों को जगन्नाथ मंदिर में स्थापित किया गया। इसके बाद तब से लेकर आज तक उनकी पूजा की जाती है।
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Updated on:
12 Jul 2024 12:32 pm
Published on:
12 Jul 2024 12:31 pm