Hariyali Amavasya Snan: हरियाली तीज से तीन दिन पहले हरियाली अमावस्या पूजा होती है, इस दिन स्नान, दान, पूजा अर्चना, तर्पण, श्राद्ध का विशेष महत्व है। इस दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं। विशेष बात है कि 3 शुभ योग में हरियाली अमावस्या पूजा अर्चना होगी। आइये जानते हैं हरियाली अमावस्या का डेट, शुभ योग और महत्व क्या है...
उत्तर भारत में पवित्र श्रावण माह की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। हरियाली अमावस्या को अत्यंत शुभ माना जाता है। यह तिथि हरियाली तीज से तीन दिन पहले आती है। इसी समय उत्तर भारत के विभिन्न मंदिरों में विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में हरियाली अमावस्या के अवसर पर विशेष दर्शन का आयोजन किया जाता है।
भगवान कृष्ण के इन विशेष दर्शन का लाभ लेने के लिए हजारों की संख्या में कृष्ण भक्त मथुरा में द्वारकाधीश मंदिर और वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर जाते हैं। वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में बनाया जाने वाला फूल बंगला, कृष्ण भक्तों के बीच विश्व प्रसिद्ध है। कृष्ण मंदिरों के अतिरिक्त विभिन्न शिव मंदिर भी हरियाली अमावस्या के दिन विशेष शिव दर्शन की व्यवस्था करते हैं।
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हर माह की अमावस्या का स्नान दान के लिए विशेष महत्व होता है। इस दिन श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व होता है। पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है और सूर्य नारायण, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी के साथ शिव परिवार की पूजा की जाती है। साथ ही दान किया जाता है। इससे महान पुण्य मिलता है।
श्रावण अमावस्या तिथि प्रारंभः 03 अगस्त 2024 को दोपहर 03:50 बजे तक
अमावस्या तिथि समापनः 04 अगस्त 2024 को शाम 04:42 बजे तक
हरियाली अमावस्याः रविवार 4 अगस्त 2024 को
सिद्धिः रविवार 4 अगस्त सुबह 10:38 बजे तक
रवि पुष्य योगः रविवार 4 अगस्त सुबह 05:52 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योगः 4 अगस्त सुबह 05:52 बजे से दोपहर 01:26 बजे तक
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