Jadu Tona Se Bachav Mantra: माता आदिशक्ति के दस गुण दस महाविद्या कहलाती हैं। इन सभी को अलग-अलग वजहों से पूजा जाता है। संसार में सकारात्मक और नकारात्मक शक्तियां दोनों होती हैं, कई लोग शत्रुता और अन्य विभिन्न कारणों से दूसरों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और जादू टोने का सहारा लेते हैं। लेकिन कोई व्यक्ति नियमित माता पार्वती की महाविद्या का मंत्र जपता है तो जादू टोना का उस पर असर नहीं होगा और शत्रु भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाते (das mahavidya mantra ka labh)।
Jadu Tona Se Bachav Mantra: दस महाविद्या माता रानी के दस गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं, इनके मंत्रों के जाप से ये शक्तियां मनुष्य के अंदर समाहित होती हैं। मातारानी की हरेक महाविद्या एक अलग गुण और शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। ऐसे में यदि आप सच्चे मन से महाविद्या मंत्र का जाप करते हैं तो भक्त का उद्धार तय होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कोई जादू टोना से आपको नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है या आपसे शत्रुता रखता है इससे बचाव के लिए नियमित इनमें से किसी महाविद्या का मंत्र जपना चाहिए, लेकिन गुप्त नवरात्रि में विशेष रूप से इन महाविद्या की पूजा कर आप माता से अभय पा सकते हैं।
वैसे तो महाविद्याओं की पूजा मुख्य रूप से तांत्रिक विद्या या शक्तियां अर्जित करने के उद्देश्य से की जाती है लेकिन सामान्य भक्त मां के गुणों को धारण करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। मातारानी की इन्हीं दस महाविद्या की पूजा गुप्त नवरात्र के दस दिनों में कर भक्त महाविद्या मंत्र की सहायता से मातारानी की उन शक्तियों को अपने अंदर समाहित कर सकते हैं। आइये जानते हैं इन महाविद्या के बीच मंत्र और इन मंत्रों को जाप का लाभ …
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिका क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥
काली बीज मंत्र लाभः पहली महाविद्या काली के बीज मंत्र के जाप से माता काली प्रसन्न होती हैं और भक्त के शत्रुओं और दुष्टों का नाश करती हैं। साथ ही इस मंत्र के जाप से भक्त के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आते हैं। मन बुरी प्रवृत्तियों से निकल जाता है और उसे किसी चीज का डर नहीं रह जाता। साथ ही उसे समय की महत्ता समझ में आ जाती है।
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ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा॥
भैरवी बीज मंत्र लाभः माता त्रिपुर भैरवी माता पार्वती की पांचवीं महाविद्या हैं, इनके बीज मंत्र के जाप से बुरी आत्माओं, प्रवत्तियों और शक्तियों के प्रभाव से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही भक्त को किसी भी प्रकार का डर नहीं रह जाता है, माता के आशीर्वाद से उसे अभय प्राप्त होता है। भैरवी बीज मंत्र का नियमित जाप वैवाहिक और प्रेम जीवन को सुखमय बनाता है। साथ ही भक्त को शत्रुओं से मुक्ति मिल जाती है।
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा॥
छिन्नमस्ता बीज मंत्र लाभः माता छिन्नमस्ता छठीं महाविद्या हैं, इनकी कृपा से भक्त के शत्रुओंका नाश हो जाता है। उसे कोई भय नहीं रहता है और उसकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः॥
बगलामुखी बीज मंत्र लाभः माता बगलामुखी आठवीं महाविद्या हैं, गुप्त नवरात्रि में इनके बीज मंत्र से साधना भक्त के शत्रुओं का नाश कर देता है, दुश्मन पर पूरी तरह से लगाम लगा देता है। ये दुष्टों को अपंग बना देती हैं और भक्त पर आ रही विपत्ति को दूर कर देती हैं। साथ ही प्रगति की राह दिखाती हैं।
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ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा॥
मातंगी बीज मंत्र लाभः माता मातंगी नवीं महाविद्या हैं। गुप्त नवरात्रि में मातंगी के बीज मंत्र से साधना भक्त की बुद्धि बढ़ाता है और उसे विद्या प्राप्त होती है। जो भक्त मातंगी की आराधना करते हैं कला और संगीत के क्षेत्र में उनकी उन्नति होती है। उसकी वाणी नियंत्रित रहती है और वह मृदुभाषी बन जाता है। मातंगी के भक्त पर जादू टोना या माया का प्रभाव नहीं पड़ता है।
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं, www.patrika.com इसका दावा नहीं करता। इसको अपनाने से पहले और विस्तृत जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
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