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Pitra Sukta Path: पितृ सूक्त का पाठ पितरों को दिला सकता है मोक्ष, मौनी अमावस्या से जुड़ा है महत्व

Pitra Sukta Path: मौनी अमावस्या के दिन पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृ दोष दूर होता है और मोक्ष की प्राप्ति की प्राप्ति होती है। यह परिवार की खुशहाली और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी लाभकारी है।

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Jan 22, 2025
Pitra Sukta Path

Pitra Sukta Path: हिंदू धर्म में माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसेमौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस शुभ अवसर पर लोग अलग- अलग अनूष्ठान करते हैं। लेकिन मुख्य रूप से अपने पितरों के मोक्ष के लिए गंगा स्नान और पिंडदान करते हैं। इस शुभ दिन पर पितृ सूक्त का पाठ करना भी पुण्यकारी फल देता है। आइए जानते हैं इसका महत्व।

पितृ सूक्त भारतीय वैदिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसका उल्लेख वेदों में किया गया है। इसमें पितरों (पूर्वजों) के प्रति श्रद्धा व्यक्त की गई है। इसका पाठ करने से पितरों को मोक्ष प्राप्ति में सहायता मिलती है। मौनी अमावस्या के दिन पितृ सूक्त का पाठ विशेष महत्व रखता है। क्योंकि इस दिन को पितरों को तर्पण और श्राद्ध करने के लिए शुभ माना जाता है।

Pitra Sukta Path Importance: पितृ सूक्त का महत्व

पितृ सूक्त में पूर्वजों को सम्मान देने और उनके आशीर्वाद की कामना की जाती है। यह सूक्त यह सिखाता है कि हमारे पितृगण हमारे जीवन में सुख-शांति और उन्नति का आधार होते हैं। यदि पितरों को संतुष्ट किया जाए, तो वे अपने वंशजों को जीवन में उन्नति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

Pitru Sukta Parh On Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या पर पितृ सूक्त पाठ

मौनी अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह में आती है। इसे मौन रहकर आत्मचिंतन और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयुक्त दिन माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान, दान और पितृ सूक्त का पाठ करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, यह दिन पितृ दोष निवारण के लिए भी महत्वपूर्ण है।

Pitra Sukta Path Vidhi: पितृ सूक्त पाठ विधि

मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

पूजा स्थल में पितरों की तस्वीर या प्रतीक स्थापित करें।

दीप प्रज्वलित करें और चावल, जल, और तिल अर्पित करें।

शांत चित्त होकर पितृ सूक्त का पाठ करें।

अंत में पितरों के मोक्ष और शांति की प्रार्थना करें।

Pitra Sukta Path Benefits: पितृ सूक्त के लाभ

पितृ दोष निवारण: पितृ सूक्त का पाठ करने से पितृ दोष दूर होता है।

पूर्वजों की आत्मा को शांति: यह सूक्त पितरों की आत्मा को शांति प्रदान करता है।

वंश की उन्नति: पितरों के आशीर्वाद से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

आध्यात्मिक उन्नति: यह पाठ मानसिक शांति और आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ाता है।

Ancestors Get Salvation: पितरों को मिलती है मुक्ति

मौनी अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा की स्थिति विशेष होती है। जिससे आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन किए गए तर्पण और पितृ सूक्त के पाठ से पितरों की आत्मा को मुक्ति मिलती है।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

Published on:
22 Jan 2025 12:13 pm
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