8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Mauni Amavasya 2025: कब है मौनी अमावस्या, जानें डेट और शुभ महूर्त

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। यह शांति और आत्मचिंतन करने का शुभ अवसर माना जाता है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Sachin Kumar

Jan 17, 2025

Mauni Amavasya 2025

Mauni Amavasya 2025:

Mauni Amavasya 2025: सनातन धर्ममें मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। यह माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्य तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर पवित्र स्नान, ध्यान और मौन करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या को गंगा स्नान और दान-पुण्य का दिन माना जाता है। इस दिन लोग अपने पूर्वों का पिंडदान भी करते हैं। ऐसा करने से सभी पापों का नाश होता है और साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कब है मौनी अमावस (When is Mauni Amavasya)

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को मनाई जाएगी। यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है और इसे सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ माना जाता है।

मौनी अमावस्या का महत्व (Importance of Mauni Amavasya)

इस दिन मौन व्रत रखने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी के संगम पर स्नान करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है।
दान-पुण्य और जरूरतमंदों की सहायता करना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी होता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन किए गए जप, तप और ध्यान का कई गुना फल प्राप्त होता है।

मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त (Mauni Amavasya auspicious time)

मौनी अमावस्या की शुरुआत 28 जनवरी मंगलवार को शाम के 07 बजकर 35 मिनट पर होगी। लेकिन वहीं अगले दिन 29 जनवरी दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट संपन्न होगी। इसलिए मौनी अमावस्या पर व्रत-पूजा, स्नान-दान आदि 29 जनवरी को किया जाएगा।

मौनी अमावस्या पर करें ये काम (Do this work on Mauni Amavasya)

पवित्र स्नान: सूर्योदय से पहले गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करें।

दान-पुण्य: ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें।

ध्यान और जप: ओम नमः शिवाय या गायत्री मंत्र का जाप करें।

मौन व्रत: इस शुभ दिन पर पूरे दिन मौन रहें या बहुत अधिक जरुरत होने पर ही बोलें। शांत रहकर भगवान के नाम का जप करें।

ध्यान देने योग्य बातें (things to note)

इस शुभ दिन पर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। अगर गंगा में स्नान न कर पाएं तो घर पर ही पवित्र जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। मौनी अमावस्या पर किसी भी प्रकार का झूठ, क्रोध, या अन्य नकारात्मक गतिविधियों से बचें। इस दिन व्रत रखने का भी बड़ा महत्व है। जिससे मन की शुद्धि होती है।

शांति का प्रतीक मौनी अमावस (Mauni Amavasya, symbol of peace)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मौनी अमावस्या का दिन अध्यात्म, ध्यान और शांति का प्रतीक है। यह दिन जीवन को सकारात्मकता और धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ने का संदेश देता है।

इस दिन किए गए कार्य और पुण्य कई गुना अधिक फल प्रदान करते हैं। इसलिए इस पावन दिन पर अपने कर्मों से जीवन को सार्थक बनाएं।

यह भी पढ़ें-सकट चौतुर्थी आज, माता चौथ की पूजा में करें ये उपाय