6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Masik Shivratri 2025: कब मनाई जाएगी साल 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि, जानिए इसका महात्म्य

Masik Shivratri 2025: शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक की गई उपासना से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Sachin Kumar

Jan 17, 2025

Masik Shivratri 2025

Masik Shivratri 2025

Masik Shivratri 2025: शिवरात्रि के बारे में शिवपुराण में विस्तार से बताया गया है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। क्योंकि यह शुभ दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। यह हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। आइए जानते हैं साल 2025 में पहली मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाएगी और इसका क्या महत्व है?

मासिक शिवरात्रि का महत्व (Importance of Monthly Shivratri)

धार्मिक ग्रंथोंके अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है। मान्यता है यह अवसर भगवान शिव की पूजा और ध्यान के लिए सबसे उत्तम होता है। इस दौरान भगवान शिव की उपासना करने वाले साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव और जगधात्रि आदिशक्ति स्वरूपा मां पर्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता। जो व्यक्ति के सभी पापों का नाश करके मोक्ष प्रदान करता है।

कब है साल 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि (When is the first monthly Shivaratri of the year 2025)

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 की पहली मासिक शिवरात्रि माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानि 27 जनवरी दिन सोमवार को सुबह के 08 बजकर 34 मिनट पर शुरु होगी। वहीं अगले दिन 28 जनवरी दिन मंगलवार को संपन्न होगी।

शिवरात्रि के दिन पूजा करने की विधि (Method of worship on Shivratri)

शिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की पूजा करने से पहले साधक को सुबह जल्दी उठकर पवित्र जल से स्नान करना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शिवलिंग का जल, दूध, शहद, दही और गंगाजल से अभिषेक करें।

अभिषेक के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इसके बाद शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ और शिव चालीसा का पाठ करें।

भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें। बेलपत्र पर चंदन या कुमकुम से ॐ लिखें। आक के फूल और धतूरा चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। शाम के समय दीपक जलाएं और शिव आरती करें।

शिव मंदिर में दर्शन करें नजदीकी शिव मंदिर जाएं और भगवान शिव का पूजन करें। मंदिर में घंटा बजाकर भगवान शिव के समक्ष अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।

यह भी पढ़ें- सकट चौथ की यह कथा पढ़े बिना व्रत होता नहीं पूरा, कथा से जानें व्रत का महात्म्य