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Shardiya Navratri 2025: इस बार नवरात्रि 10 दिन की क्यों, ज्योतिषी से समझिए

Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की होने वाली है। तो आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा इसका महत्व। मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक पूजा से कैसे प्राप्त होता है सुख-समृद्धि और आशीर्वाद।

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Sep 13, 2025
Shardiya Navratri 2025 (photo- freepik)

Shardiya Navratri 2025: हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का पवित्र और खास पर्व मनाया जाता है। इस बार विशेष बात यह है कि नवरात्रि 10 दिनों तक मनाया जाएगा। क्योंकि 24 और 25 सितंबर दोनों दिन तृतीया तिथि बनने के कारण पर्व सामान्य 9 दिनों की बजाय 10 दिन चलेगा। इसे शुभ माना जाता है, क्योंकि पर्व की तिथि बढ़ने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।

ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 को दशहरा पर्व के साथ संपन्न होगी। विशेष रूप से घटस्थापना के दिन शुभ योग बन रहे हैं, जिससे पूजा का महत्त्व और बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं नीतिका शर्मा के अनुसार घटस्थापना के लिए ये शुभ मुहूर्त।

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नवरात्रि 2025 घटस्थापना शुभ मुहूर्त

अमृत मुहूर्त – सुबह 6:19 बजे से 7:49 बजे तक

शुभ मुहूर्त – सुबह 9:14 बजे से 10:49 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:55 बजे से 12:43 बजे तक

इन समयावधियों में घटस्थापना करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही पूरे दिन शुभ योग भी बना रहेगा, जो व्रतियों के लिए बेहद लाभकारी माना गया है।

शारदीय नवरात्रि तिथि विवरण (2025)

  • 22 सितंबर, सोमवार – प्रतिपदा तिथि
  • 23 सितंबर, मंगलवार – द्वितीया तिथि
  • 24 सितंबर, बुधवार – तृतीया तिथि
  • 25 सितंबर, गुरुवार – तृतीया तिथि
  • 26 सितंबर, शुक्रवार – चतुर्थी तिथि
  • 27 सितंबर, शनिवार – पंचमी तिथि
  • 28 सितंबर, रविवार – षष्ठी तिथि
  • 29 सितंबर, सोमवार – सप्तमी तिथि
  • 30 सितंबर, मंगलवार – अष्टमी तिथि
  • 01 अक्टूबर, बुधवार – नवमी तिथि
  • 02 अक्टूबर, गुरुवार – दशहरा

शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व

नीतिका शर्मा बताती हैं कि शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। प्रत्येक स्वरूप की अपनी विशेष महिमा और उद्देश्य होता है।

व्रत रखने के फायदे

आस्था के अनुसार इस पावन पर्व में व्रत रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि व आत्मशुद्धि का मार्ग बनता है। साथ ही इस बार सोमवार से नवरात्रि प्रारंभ हो रही है, इसलिए मां दुर्गा का वाहन हाथी रहेगा, जो सुख-समृद्धि और अन्न-धन की वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

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