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Tulsi Vivah 2025 : शादी में बार-बार हो रही देरी? तुलसी विवाह के दिन करें ये खास पूजा, जल्द बन सकता है योग!

Tulsi Vivah 2025 : तुलसी विवाह 2025 इस साल 2 नवंबर को मनाया जाएगा। जानें तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर करने के खास उपाय।

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Oct 29, 2025
Tulsi Vivah 2025 (photo- gemini ai)

Tulsi Vivah 2025: सनातन धर्म में तुलसी विवाह का बहुत विशेष महत्व बताया गया है। यह पर्व भगवान विष्णु और देवी तुलसी के पवित्र मिलन का प्रतीक माना जाता है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन तुलसी और शालिग्राम जी का विवाह कराने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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तुलसी विवाह 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष तुलसी विवाह 2 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। द्वादशी तिथि की शुरुआत सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर होगी और इसका समापन 3 नवंबर की सुबह 5 बजकर 7 मिनट पर होगा। ऐसे में तुलसी विवाह का पर्व 2 नवंबर को मनाना शुभ रहेगा। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा कर उन्हें विवाह सूत्र में बांधा जाता है।

तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व

तुलसी विवाह से न केवल पारिवारिक जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है बल्कि अविवाहित लोगों के विवाह के योग भी बनते हैं। यह दिन खासतौर पर उन लोगों के लिए शुभ माना जाता है जिन्हें शादी में अड़चनें आ रही हों या विवाह प्रस्ताव बार-बार असफल हो रहे हों।

विवाह में रुकावटें दूर करने के उपाय

पहला उपाय: यदि बार-बार प्रयास के बावजूद विवाह नहीं हो पा रहा है, तो तुलसी विवाह के दिन स्नान के जल में एक चुटकी हल्दी मिलाएं और हल्दी युक्त जल से स्नान करें। फिर तुलसी और शालिग्राम जी की पूजा करके उन्हें हल्दी मिश्रित दूध या लेप अर्पित करें। इससे गुरु ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

दूसरा उपाय: इस दिन तुलसी माता और शालिग्राम भगवान को मौली से एक साथ बांधें। यह प्रतीकात्मक विवाह का मुख्य भाग है। इसके बाद किसी गरीब, ब्राह्मण या जरूरतमंद को वस्त्र, मिठाई और फल का दान करें। ऐसा करने से पुण्य प्राप्त होता है और वैवाहिक बाधाएं दूर होती हैं।

तीसरा उपाय: तुलसी माता में स्वयं मां लक्ष्मी का वास माना गया है। इसलिए तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता को दुल्हन की तरह सजाएं। लाल चुनरी, चूड़ियां, बिंदी, सिंदूर और मेहंदी चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौभाग्य बना रहता है।

चौथा उपाय: शाम के समय तुलसी के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं और मनोकामना व्यक्त करते हुए तुलसी चालीसा का पाठ करें। अंत में “ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा” मंत्र का 108 बार जप करें। इससे विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

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Published on:
29 Oct 2025 03:47 pm
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