झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने के बाद अब धौलपुर में एक सरकारी स्कूल का कक्ष मंगलवार को भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि स्कूल में छुट्टी थी, जिससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
धौलपुर। राजस्थान में सरकारी विद्यालयों की हकीकत किसी से छुपी नहीं है। झालावाड़ हादसे को लोग अभी भूले नहीं है, लेकिन इस घटना के बाद भी शिक्षा विभाग सबक नहीं ले पा रहा है। मंगलवार सुबह राजाखेड़ा-धौलपुर स्टेट हाइवे पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खुड़िला का एक कक्ष भरभराकर ढह गया। गनीमत थी कि जिला कलक्टर ने भारी बारिश के चलते विद्यालयों में छुट्टी कर दी थी, साथ ही इस कक्ष में कक्षाएं संचालित नहीं हो रही थी।
झालावाड़ हादसे ने अभिभावको में अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर खौफ पैदा कर दिया है। इसके बाद सरकारी तंत्र जर्जर भवनों में कक्ष संचालित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही निगरानी करने और ऐसे भवनों को चिन्हित करने की बात कही है, लेकिन पुराने भवन अब भी बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।
जिन भवनों में कक्षाएं नहीं चलती हैं, वहां भी कई बार बच्चे चले जाते हैं। ऐसे में जर्जर भवनों को ढहा देना ही उचित है, लेकिन पूरे प्रदेश में कई ऐसे जर्जर भवन अब भी खड़े हैं।
विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य राहुल ने बताया कि विद्यालय के कुछ कमरे जर्जर थे, जिनमें छात्रों को नहीं बैठाया जाता था। इनको गिराने के आदेश काफी पहले ही हो चुके थे, लेकिन इसी दौरान प्रधानाचार्य का तबादला हो जाने से इन्हें ध्वस्त नहीं किया जा सका। इस कक्ष की एक दीवार पहले ही बारिश के दौरान गिर पड़ी थी और मंगलवार को यह पूरी तरह ध्वस्त हो गया।