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Rajasthan News : राजस्थान में सरकारी स्कूल ही नहीं अन्य इमारतों की हालत भी है खस्ता, दहशत में जनता, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Rajasthan News : राजस्थान के झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद जर्जर इमारतों को लेकर एक दहशत सी फैल गई है। सरकारी स्कूल ही नहीं प्रदेश की कई अन्य इमारतें भी खास्ताहाल हैं। पत्रिका की ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें।

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Rajasthan Not only government schools but other buildings in are also in bad condition People in panic read ground report

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Rajasthan News : राजस्थान में रोज कहीं न कहीं सरकारी स्कूल भवन गिर रहे रहे हैं। इसी तरह सरकारी अस्पतालों में छतों का प्लास्टर भी रोज कहीं न कहीं गिर रहा है। सीलनभर वार्डों में मरीज उपचार कराने के लिए मजबूर हैं। कई अस्पतालों में दीवारों का प्लास्टर उखड़ने से बिजली के तार बाहर निकल आए हैं, जिससे करंट लगने का खतरा भी बना हुआ है। राजस्थान पत्रिका टीम ने राज्य के विभिन्न जिलों के अस्पतालों की हालत का जायजा लिया तो हालात चिंताजनक लगे।

उदयपुर : 264 उप स्वास्थ्य केन्द्रों को मरम्मत की जरूरत

उदयपुर जिले में 80 पीएचसी व 28 सीएचसी तथा 541 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। इनमें से 13 उप स्वास्थ्य केंन्द्र बहुत ज्यादा जर्जर हो गए, उन्हें खाली करा लिया गया है। 264 ऐसे स्वास्थ्य केंद्र हैं जहां मरम्मत की आवश्यकता है। कई छतों से पानी टपक रहा है। दीवारों पर सीलन आ रही है।

झुंझुनूं : 70 के दशक में बना अस्पताल भवन जर्जर

झुंझुनूं जिले के सुलताना कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन जर्जर हो गया है। 1966 में बने इस भवन में बीस कमरे हैं, जिनमें से अधिकतर में सीलन और दरारें हैं। एक वार्ड को तो खतरनाक स्थिति में होने के कारण स्टोर रूम बना दिया गया है। एक वार्ड में बड़ी दरारें हैं, जहां मरीजों के ऊपर छत से मलबा गिरता है। पर्ची काउंटर और छतों से बरसात में पानी टपक रहा है। हाल ही में हुई बारिश में पास की कुई की पट्टी भी टूटकर गिर गई, जिससे हादसे की आशंका बनी हुई है।

डूंगरपुर : जर्जर भवन करंट का खतरा भी

डूंगरपुर जिले की साबला पंचायत समिति की ग्राम पंचायत मुंगेड में 10 साल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का भवन नहीं बन पाया हैं। ऐसे में पीएचसी राजकीय विद्यालय भवन में संचालित है। ये भवन जर्जर हो चुका है। भवन के बरामदे, पिल्लर, छतें जवाब दे चुकी हैं। इन दिनों बारिश में कमरों में बेड, दवाइयों की पैकिंग शीट भीग रही हैं। छत से प्लास्टर उखड़ रहा हैं। बिजली के तार निकल आए हैं। जिससे मरीजों को रोजाना करंट के झटके लग रहे हैं। ऐसे में दीवार,खिड़कियों पर कागज पर चेतावनी भी लगा रखी है। ताकि मरीज करंट के झटकों से बच सके।

कोटा : अरण्डखेड़ा में हादसे का इंतजार…

कोटा जिले के अरण्डखेड़ा आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन की दीवारों व छत से पानी रिस रहा है। स्टोर रूम, लैब रूम, मुख्य परिसर, चिकित्सक कक्ष की छत से प्लास्टर उखड़ गया है और सरियों में जंग लग गई है। चिकित्सा अधिकारी डॉ तस्निम कोसर ने बताया मरम्मत के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग व स्वास्थ्य विभाग को दो बार पत्र लिखा, लेकिन राशि स्वीकृत नहीं होने से मरम्मत नहीं हो पाई। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों व कर्मचारियों को दुर्घटना का अंदेशा है।

कहीं दीवारों में दरारें आईं तो कहीं गिरा प्लास्टर

जयपुर शहर के बड़े सरकारी अस्पतालों की इमारतें खुद बीमार नजर आ रही हैं। जनाना अस्पताल में जगह-जगह दीवारों में दरारें दिखाई दे रही हैं। कई बार यहां छत गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। वार्डों से लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं। वहीं एसएमएस अस्पताल के प्रथम, दूसरे तल के वार्ड, चरक भवन और धनवंतरि ओपीडी ब्लॉक में भी कई जगह फॉल्स सीलिंग और प्लास्टर टूटकर गिरा हुआ है। दो माह पूर्व अस्पताल के 3एच वार्ड की छत का का प्लास्टर गिर गया था। जिससे दो मरीज गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इधर, टीबी अस्पताल, कांवटिया, गणगौरी अस्पताल में भी ऐसी शिकायतें लगातार सामने आ रही है। इन हालातों में मरीजों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

नागौर : घाटिया निर्माण के चलते आए दिन की बात

नागौर जिला मुख्यालय के जेएलएन जिला अस्पताल का भवन जर्जर है। यहां आए दिन छत का प्लास्टर गिरता रहता है। घटिया निर्माण के चलते वर्ष 2017 में बनी एमसीएच विंग का भवन 5 साल में जर्जर घोषित करना पड़ा। जिस वजह से एमसीएच विंग को पुराने अस्पताल भवन में शिफ्ट करना पड़ा। उससे पहले लाखों रुपए मरम्मत पर खर्च हुए लेकिन 27 जुलाई को लैब का प्लास्टर गिर गया।

बालोतरा : गिर रहा प्लास्टर, मरीजों में डर का माहौल

बालोतरा के राजकीय नाहटा जिला अस्पताल के बरामदों की छतों से सीलन के कारण प्लास्टर उखड़ने लगा है। बरामदों से लोग डरते हुए निकलते हैं।