धौलपुर

स्वच्छ हवा पर अनदेखी की परत, मॉर्निंग वॉक बंद

भागदौड़ भरी जिन्दगी में स्वास्थ्य को लेकर अब लोग पहले से अधिक सजग हो रहे हैं। खानपान के साथ अब वह स्वयं के शरीर पर भी खासा ध्यान दे रहे हैं। इसमें मॉर्निंग वॉक को लेकर विशेष तबज्जो दी जाती है।

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Nov 09, 2024
धौलपुर. मचकुण्ड रोड पर उड़ रहा धूल का गुब्बार।

धौलपुर. भागदौड़ भरी जिन्दगी में स्वास्थ्य को लेकर अब लोग पहले से अधिक सजग हो रहे हैं। खानपान के साथ अब वह स्वयं के शरीर पर भी खासा ध्यान दे रहे हैं। इसमें मॉर्निंग वॉक को लेकर विशेष तबज्जो दी जाती है। शहर में वैसे तो मॉर्निंग वॉक के लिए कोई विशेष स्थान नहीं है लेकिन उत्तर भारत में तीर्थों के भांजा के रूप में प्रसिद्ध मचकुण्ड सरोवर को जा रही सडक़ पर वर्षों से लोग टहलने के लिए जाते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से इलाके में रख-रखाव पर ध्यान नहीं देने और बरसात के दौरान जल निकासी के लिए खोदी गई सडक़ों को दुरस्त नहीं करने से अब यहां की आबोहवा बिगड़ रही है। हाल ये है कि शहर की सबसे स्वच्छ सडक़ पर अब दिनभर मिट्टी के गुब्बार उड़ते हुए नजर आ जाएंगे। वहीं, टहलने वालों ने भी इस सडक़ से मुंह मोड लिया है। उधर, जिम्मेदारों की ओर से मरम्मत तो दूर सडक़ पर जगह-जगह पड़ी मिट्टी की सफाई कराना भी जरुरी नहीं समझा।

धौलपुर का क्यूआई स्तर खराब की ओर

बता दें सर्द मौसम की शुरुआत के साथ ही धौलपुर शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) खराब हो रहा है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से शुक्रवार को जारी डेटा में धौलपुर शहर शहर का एक्यूआई स्तर 130 दर्ज हुआ। जो कि खराब श्रेणी ओर बढ़ रहा है। बता दें कि 101 से 200 के बीच एक्यूआई होने पर लोगों को फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीडि़त लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यानी उनके बाहर निकलने पर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसी तरह पड़ोसी शहर भरतपुर का एक्यूआई 194, आगरा का 120 बना हुआ है।

सडक़ की सफाई नहीं कराने से बिगड़े हालात

मचकुण्ड रोड पर पिछले दिनों बरसाती पानी निकासी के लिए बीच में खुदाई की गई थी। जिससे एक स्थान पर सडक़ किनारे ही बड़ा गड्ढा छोड़ दिया गया। इससे रात के समय हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं, पूर्व में यहां बिछाई गई पेयजल लाइन के बाद भी सडक़ मरम्मत नहीं की गई। यहां ऊपर डाली मिट्टी ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। इस रोड से वाहन निकलने पर मिट्टी के गुब्बार लोगों को तकलीफ दे रहे हैं। कई लोग तो सुबह के समय मुंह पर रुमाल या अन्य कपड़ा बांध कर निकलते हैं।

डस्ट एलर्जी के ये लक्षण

  • सिर में लगातार दर्द रहता है।
  • धूल की वजह से छींक आना।
  • नाक से पानी बहने लगता है।
  • आंखों में दर्द महसूस होता है।
  • नाक के अंदर जलन और खुजली होती है।
  • सर्दी और जुखाम हो सकता है।
  • आंखों के आसपास सूजन आना।

डस्ट एलर्जी से बचाव के उपाय

बाहर जाते समय धूल से बचाव जरुरी है नहीं तो ये आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। बिना मास्क के घर से न निकलें। मास्क की जगह कपडा या रूमाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह धूल के बारीक कणों को मुंह और नाक में आने से रोकेगा।


  • मचकुण्ड रोड पर कई सालों से सुबह के समय टहलने जाता हूूं। लेकिन अब सडक़ पर हालात खराब है। मिट्टी उडऩे से परेशानी आती है। यहां बाइक या कार निकल जाए तो पीछे से धूल के गुब्बार परेशान करते हैं। जिससे अब जाना बंद कर दिया।
  • पवन गौड, शहरवासी
  • सडक़ की हालात बरसात के बाद ज्यादा खराब हो गई है। मुख्य गेट पर ही सडक़ ऊखड़ी पड़ी है। यहां रास्ते में मिट्टी पड़ी होने से वह परेशान करती है। वाहन निकलने पर धूल के गुब्बार छा जाते हैं। फिर यहां टहलने से क्या मतलब।
  • उदल सिंह, शहरवासी
Published on:
09 Nov 2024 09:48 pm
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