बढ़ती महंगाई लगातार गरीब तबके के लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। खाने पीने की चीजों सहित सब्जियों के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है। सब्जियां महंगी होने से लोग अब अपनी रसोई बजट में भी कमी करने लगे हैं। जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य एवं पोषण पर पड़ रहा है।अत्यधिक बारिश से सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। जिससे विगत एक माह से सब्जियों के दामों में भी भारी बढ़ोत्तरी देखी गई है। गोभी, टमाटर, धनियां, लौकी, मूली के दाम आसमान छूने लगे हैं।
गोभी 100 रुपए से ऊपर तो टमाटर 50 रुपए किलो मण्डी में
सब्जी विके्रता भी महंगी सब्जी बेचने से कतरा रहे
dholpur, बाड़ी.बढ़ती महंगाई लगातार गरीब तबके के लोगों के लिए मुसीबत बनती जा रही है। खाने पीने की चीजों सहित सब्जियों के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है। सब्जियां महंगी होने से लोग अब अपनी रसोई बजट में भी कमी करने लगे हैं। जिसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य एवं पोषण पर पड़ रहा है।अत्यधिक बारिश से सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। जिससे विगत एक माह से सब्जियों के दामों में भी भारी बढ़ोत्तरी देखी गई है। गोभी, टमाटर, धनियां, लौकी, मूली के दाम आसमान छूने लगे हैं। अगस्त माह में गोभी, टमाटर के दामों में काफी वृद्धि हुई है। शहर के सीताराम बाजार सब्जी मंडी में फूल गोभी की कीमत 100 रुपए प्रति किलो से भी ऊपर पहुंच गई है। महंगाई का असर शहर के अलावा अब ग्रामीण क्षेत्रों मेें भी दिखने लगा है। यहां भी सब्जियां की मार ग्रामीणों पर पड़ रही है। यही कारण है कि लोग सब्जी वालों से गोभी खरीदने में परहेज करने लगे हैं। सब्जी विके्रता रोहित कुशवाहा ने बताया कि वह सारी सब्जियों का विक्रय कर रहे हैं, लेकिन गोभी और टमाटर लेकर ही नहीं आ रहे। क्योंकि बिक्री न होने के चलते सब्जी खराब हो जाती है।
रसोई बजट में कटौती
महंगाई ने बिगाड़ा बजट महंगाई का असर अब सीधा-सीधा लोगों की रसोई पर पडऩे लगा है सीमित कमाई होने के चलते लोग अपने विभिन्न खर्चों को कम करने लगे हैं, लेकिन प्राथमिक स्तर पर रखा जाने वाला रसोई का बजट भी अब लोगों की कटौती करने को मजबूर है। गोभी, टमाटर के साथ-साथ अन्य खाद्य पदार्थ के दामों बढ़ाने का असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी देखने को लगा है लोगों ने रसोई बजट से कटौती करना शुरू किया है।