Cow milk vs plant based milk : बादाम, सोया और ओट्स जैसे प्लांट-बेस्ड दूध हाल के वर्षों में स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इनका प्रसंस्करण न केवल पोषण गुणवत्ता को कम करता है बल्कि कैंसरजनक यौगिकों के निर्माण का खतरा भी बढ़ा सकता है।
Cow milk vs plant based milk : बादाम, सोया, और ओट्स जैसे प्लांट-बेस्ड दूध हाल के वर्षों में गाय के दूध(Cow milk) के विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो गए हैं। लेकिन एक नई स्टडी ने खुलासा किया है कि ये पेय प्रोटीन और आवश्यक अमीनो एसिड की कमी से जूझ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) की प्रोसेसिंग में होने वाली रासायनिक प्रतिक्रियाएं न केवल प्रोटीन की गुणवत्ता कम करती हैं बल्कि संभावित रूप से कैंसर उत्पन्न करने वाले यौगिक भी बना सकती हैं।
पिछले एक दशक में प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) का वैश्विक बाजार तेजी से बढ़ा है, खासकर उनके पर्यावरण-हितैषी दृष्टिकोण के कारण। लेकिन कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि पोषण के मामले में ये गाय के दूध (Cow milk) का विकल्प नहीं हो सकते।
शोध का नेतृत्व कर रहीं प्रोफेसर मैरिएन निसेन लुंड ने बताया कि प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) के पोषक तत्वों की गुणवत्ता लंबे समय तक शेल्फ लाइफ बनाए रखने के लिए होने वाली प्रोसेसिंग के दौरान प्रभावित होती है।
शोध के मुताबिक, प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) को अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) प्रोसेसिंग के तहत तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया प्रोटीन और शुगर के बीच "मेलार्ड प्रतिक्रिया" को ट्रिगर करती है, जिससे प्रोटीन की गुणवत्ता घट जाती है और कुछ आवश्यक अमीनो एसिड नष्ट हो जाते हैं।
गंभीर चिंता तब बढ़ती है जब प्रोसेसिंग के दौरान एक्रिलामाइड जैसे कैंसरजनक यौगिक बनते हैं। शोधकर्ताओं ने बादाम और ओट्स से बने चार प्लांट-बेस्ड दूधों में एक्रिलामाइड की मौजूदगी पाई।
हालांकि इसकी मात्रा कम थी और तत्काल स्वास्थ्य जोखिम नहीं दिखा, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि विभिन्न स्रोतों से इसका लगातार सेवन दीर्घकालिक खतरा बढ़ा सकता है।
प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) में आमतौर पर प्रोटीन की मात्रा गाय के दूध (Cow milk) से काफी कम होती है। वहीं, UHT प्रोसेसिंग के कारण यह और घट जाती है।
प्रो. लुंड ने स्पष्ट किया कि पोषण के मामले में प्लांट-बेस्ड दूध, गाय के दूध (Cow milk) का संपूर्ण विकल्प नहीं हो सकता।
प्लांट-बेस्ड दूध (Plant based milk) पर्यावरण के लिए तो बेहतर हो सकता है, लेकिन पोषण और संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह जरूरी है कि उपभोक्ता ऐसे विकल्प चुनने से पहले उनकी पोषण गुणवत्ता और जोखिम को ध्यान में रखें।